नई दिल्ली। देश में वित्त वर्ष 2022-23 में बिजली की कुल मांग में छह से सात प्रतिशत इजाफा होने का अनुमान है। इंडिया रेटिंग्स एवं रिसर्च ने अपने एक अध्ययन में यह जानकारी दी है।

इसमें कहा गया है कि कोरोना की तीसरी लहर के कारण लॉकडाउन संबंधी प्रावधानों के चलते बिजली की मांग कम रही थी। राज्य सरकारों द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंध बिजली की मांग को प्रभावित कर सकते हैं।

एजेंसी ने एक रिपोर्ट में कहा, हालांकि किसी भी जोरदार कोविड लहर के कारण लगाया जाने वाला कोई भी सख्त लॉकडाउन बिजली की मांग में वृद्धि को रोक सकता है । एजेंसी ने बताया कि कोयले की उपलब्धता समग्र मांग के लिए जोखिम पैदा कर सकती है

रिपोर्ट में कहा गया है कि स्मार्ट मीटरिंग और मीटरिंग प्रणाली के उन्नयन सहित डिस्कॉम के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 3.05 ट्रिलियन रुपये की सरकारी सहायता से तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान में कमी आनी चाहिए। लेकिन इसके लिए क्रियान्वयन एक अहम कारक हैं और ऐसा पहले भी देखा जा चुका है।

इंडिया रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2013 के लिए बिजली क्षेत्र के लिए एक तटस्थ दृष्टिकोण बनाए रखा है। क्योंकि उसका मानना है कि थर्मल पावर प्लांटों के समग्र प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) में सुधार जारी रहेगा और वित्त वर्ष 2023 में 60 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएगा।