बस्तर. क्षेत्र के विकास औैर सुरक्षा के लिए शासन के कार्य योजनाओं की विषय वस्तु पर साइंस कॉलेज रायपुर में प्रदर्शनी आयोजित की गई. पंडाल में बस्तर पुलिस की ‘‘मनवा नव नार’’ स्टॉल आकर्षण का केंद्र बना.
बता दें कि बस्तर संभाग अंतर्गत स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के द्वारा पिछले 3 वर्ष में 36 से अधिक सुरक्षा बेस कैंप स्थापित किया गया. अंदरूनी क्षेत्र की सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ विकास कार्यों के लिए अनुकूल वातावरण निर्मित किए जाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. इस प्रकार स्थापित किए गए बेस कैंपों के सहयोग से स्थानीय नागरिकों को प्राप्त हो रहे मूलभूत सुविधा के कारण शासन/प्रशासन के प्रति सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है.
वहीं सभी सुरक्षा बेस कैंप को एक समग्रित विकास केन्द्र के रूप में तब्दील करने हेतु ‘‘मनवा नवा नार’’ कार्य योजना तैयार किया है. स्थानीय आदिवासी गोंडी/हल्बी भाषा में ‘मनवा नवा नार’ का अर्थ है ‘हमारा नया गांव’.
कार्य योजना के तहत जिला अंतर्गत संचालित शासन के विभिन्न कल्याणकारी एवं विकास कार्यों का Convergence की जा कर ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने के साथ-साथ स्व-रोजगार के लिए प्रत्सोहित कर उनकी आमदनी बढ़ाकर उनके जीवन स्तर को उन्नत किया जा सकेगा.
शासन के मंशानुसार प्रत्येक सुरक्षा कैंप के आसपास के ग्रामों को ‘‘मनवा नवा नार’’ कार्य योजना अंतर्गत अधिक से अधिक स्थानीय निवासियों को लाभान्वित किए जाने के लिए बस्तर संभाग के समस्त पुलिस अधीक्षकों द्वारा संबंधित जिला कलेक्टर/केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बलों के अधिकारीगण/ सर्व संबंधित विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है.
बस्तर संभाग के सुरक्षा कैंपों (ग्रामों) को समग्रित विकास कार्य के लिए चयनित कर उक्त स्थानों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रणाली (PDS) बिजली, बैंक, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए. इन्हें समग्रित विकास केन्द्र के रूप में उन्नयन करते हुए क्षेत्रवासियों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने का कार्य किया जा रहा है. विगत कई वर्षों से माओवादियों द्वारा स्थानीय आदिवासी युवक/युवतियों को जल, जंगल, जमीन के मुद्दे पर भ्रमित जानकारी देकर उन्हें शासन-प्रशासन के विरुद्ध भड़काने के लिए कोशिश की गई, किन्तु छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल और जिला पुलिस बल में स्थानीय युवक/युवतियों को भर्ती में अधिक से अधिक अवसर दिए जाने से विगत वर्षों में माओवादी संगठनों की भर्ती में उल्लेखनीय कमी आयी है.
नक्सल समस्या के समाधान की दिशा में शासन द्वारा लिए गए मजबूत निर्णय के फलस्वरूप बस्तर संभाग के अंतर्गत माओवादी संगठन की गतिविधि दक्षिण बीजापुर, दक्षिण सुकमा, इन्द्रावती नेशनल पार्क का इलाका, अबूझमाड़ और कोयलीबेड़ा क्षेत्र के चंद वर्ग कि.मी. तक सीमित हो रही है.
बस्तर संभाग के सुरक्षा कैंपों (ग्रामों) को समग्रित विकास कार्य के लिए चयनित कर उक्त स्थानों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सार्वजनिक प्रणाली (PDS) बिजली, बैंक, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराकर इन्हें समग्रित विकास केन्द्र के रूप में उन्नयन करते हुए क्षेत्रवासियों में शासन-प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ाने का कार्य किया जाएगा.
वर्तमान सरकार द्वारा नक्सल उन्मूलन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आगामी दिनों में परिलक्षित होगा. हमें आशा ही नहीं बल्कि पूर्ण विश्वास है कि अतिशीघ्र प्रदेश में नक्सल गतिविधि के ऊपर अंकुश लगाते हुए एक सुरक्षित वातावरण निर्मित करने में हम सफल होंगे. ‘मनवा नवा नार’ कार्य योजना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित होगा.
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. ने बताया कि ‘मनवा नवा नार’ कार्य योजना के संदर्भ में रायपुर साइंस कॉलेज में आयोजित प्रदर्शनी स्टॉल में भारी संख्या में छात्र-छात्राएं, युवा, महिलाएं और अन्य दर्शकों द्वारा बस्तर क्षेत्र में हो रही सकारात्मक परिवर्तन को जानने एवं समझने के लिए उत्साह से जानकारी प्राप्त की गई. साथ-साथ स्टॉल में स्थापित की गई सेल्फी कार्नर में बस्तर पुलिस जवान की कटआउट चित्र के साथ फोटो लेकर बस्तर क्षेत्र की सुरक्षा, शांति एवं विकास के लिए पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई.