कानपुर. भारतीय जनता पार्टी के दिवंगत मंत्री कमल रानी वरुण और मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे सहित 173 लोगों के हथियार लाइसेंस की फाइलें गायब होने के बाद एक सरकारी क्लर्क को बर्खास्त कर दिया गया है. जुलाई 2020 में बिकरू में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी और बाद में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के हथियारों की जांच के दौरान, एसआईटी ने हथियार लाइसेंस से संबंधित फाइलें गायब पाईं.
इसके बाद मामले की जांच सीबी-सीआईडी को सौंपी गई. जांच के दौरान कोतवाली पुलिस ने क्लर्क विजय रावत के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. करीब आठ साल पहले कानपुर देहात के हथियार खंड से 200 फाइलें लाई गईं थीं. इनमें से 173 फाइलें गायब हो गईं. तब कथित तौर पर मामले को दबा दिया गया था. बिकरू में जब पुलिसकर्मी शहीद हुए तो विकास दुबे और उनके साथियों के शस्त्र लाइसेंस की जांच शुरू हुई. जांच के दौरान यह सामने आया कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गए विकास दुबे के हथियार लाइसेंस की फाइल कलेक्ट्रेट के शस्त्र खंड से गायब हैं. दिवंगत पूर्व मंत्री कमल रानी वरुण की फाइल भी गायब थी.
एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोपी लिपिक विजय रावत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच सीबी-सीआईडी को सौंपने को कहा था. सीबी-सीआईडी मामले की जांच कर रही है. फिलहाल पुलिस ने चार्जशीट भी दाखिल कर दी है और अब जिलाधिकारी ने क्लर्क को बर्खास्त कर दिया है. एडीएम सिटी अतुल कुमार ने भी इस संबंध में लिपिक को बर्खास्त करने की पुष्टि की है.