नई दिल्ली। मुंबई स्थित फार्मा कंपनी ग्लेनमार्क ने कोरोना से संक्रमित वयस्क रोगियों के इलाज के लिए कनाडाई कंपनी सनोटाईज के साथ साझेदारी में भारत पहला नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे फैबीस्प्रे लॉन्च किया है। मुंबई स्थित दवा फर्म को पहले त्वरित अनुमोदन प्रक्रिया के हिस्से के रूप में नाइट्रिक ऑक्साइड नाक स्प्रे (एनओएनएस) के लिए ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से विनिर्माण और विपणन अनुमोदन प्राप्त हुआ। नाक के स्प्रे को ऊपरी हिस्से से कोरोनावायरस को मारने के लिए डिजाइन किया गया है।
दवा निर्माता कंपनी ने कहा, “फैबीस्प्रे, नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे को ऊपरी हिस्से से कोरोना वायरस को मारने के लिए डिजाइन किया गया है। इसने सार्स-सीओवी-2 पर प्रत्यक्ष विषाणुनाशक प्रभाव के साथ एंटी-माइक्रोबियल गुणों को सिद्ध किया हैं। एनओओनओस जब नाक के म्यूकोसा पर छिड़काव किया जाता है, तो वायरस के खिलाफ एक भौतिक और रासायनिक बाधा के रूप में काम करता है। इसे इनक्यूबेट करने और फेफड़ों में फैलने से रोकता है।”
बयान में आगे कहा गया कि “भारत में 20 क्लिनिकल साइटों पर वयस्क कोरोन रोगियों में तीसरे चरण का क्लिनिकल परीक्षण किया गया, जिसमें 306 रोगियों में किए गए डबल ब्लाइंड, पैरेलल आर्म, मल्टीसेंटर अध्ययन ने गैर-अस्पताल में भर्ती वयस्क रोगियों में नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे बनाम सामान्य सेलाइन नेजल स्प्रे की प्रभावकारिता और सुरक्षा का मूल्यांकन किया। सभी रोगियों को अध्ययन में मानक सहायक देखभाल दी गई है।
अध्ययन के प्रमुख डॉ श्रीकांत कृष्णमूर्ति ने कहा कि “नाइट्रिक ऑक्साइड नेजल स्प्रे वायरल लोड को कम करता है और आरटी-पीसीआर निगेटिविटी को तेज करता है जब कोरोना संक्रमण में जल्दी उपयोग किया जाता है जिससे रिकवरी होती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एनओएनएस के साथ वायरल लोड में कमी संचरण की सीरीज को कम करने की क्षमता रखती है। एनओएनएस सुरक्षित है और इस चिकित्सीय विकल्प को बहुत आकर्षक बनाता है।”
दवा कंपनी ने दावा किया है कि एनओएनएस को यूरोप में पहले ही सीई मार्क मिल चुका है, जो मेडिकल डिवाइस के मामले में मार्केटिंग ऑथराइजेशन के बराबर है।