कर्ण मिश्रा,ग्वालियर। शहर में लाइन अटैच किये गए चार पुलिस कर्मियों को जल्द ही सीआईडी गिरफ्तार कर सकती है। यह कार्रवाई मोबाइल चोरी मामले के आरोपी सोनू भदौरिया सुसाइड केस में हो सकती है। मामले में सीआईडी जांच के दौरान सामने आया है कि पुलिस द्वारा मौत के बाद उसकी गिरफ्तारी, मेमोरेंडम और जब्ती पंचनामे में मृतक सोनू के फर्जी हस्ताक्षर किये थे। जो अब सीआईडी की जांच में मुख्य सबूत बन गए है।
सीआईडीके पत्राचार के बाद पुलिस अधीक्षक द्वारा चारों पुलिसकर्मियों जिनमें तत्कालीन उपनिरीक्षक और वर्तमान कार्यवाहक निरीक्षक क्राइम ब्रांच थाना देवेंद्र मिश्रा, एसआई मुनेश्वर भगत, प्रधान आरक्षक वर्तमान में एएसआई राजवीर यादव के साथ आरक्षक अंबिका को 2 दिन पहले ही लाइन अटैच किया है। मृतक के परिजनों ने पुलिस जांच पर सवाल खड़े किए थे और मामले को न्यायालय की दहलीज पर ले गए, जहां उनकी मांग पर न्यायालय ने 2019 में इसकी जांच सीआईडी को सौंपी थी।
गौरतलब है कि जनवरी 2017 में पड़ाव थाना पुलिस ने मोबाइल लूट के मामले में गोले के मंदिर के रहने वाले सोनू भदौरिया को थाटीपुर से गिरफ्तार किया था। जो आकाशवाणी चौराहे से पुलिस से छूटकर हथकड़ी के साथ भाग निकला था। वह दूसरे दिन शकुंतलापुरी में रहने वाले दोस्त के कमरे में मृत मिला था। साथ ही उसकी हथकड़ी कटी मिली थी। सीआईडी को इस पूरे मामले को हल करने के लिए तीन साल का समय लगा। जानकारी अमित सांघी एसएसपी ग्वालियर ने दी।
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