वेंकटेश द्विवेदी, सतना। जिले के बकिया गांव के किसान परिवार में जन्मे प्रद्युम्न तिवारी ने जोश, जुनून और जज्बे की बेहतरीन मिसाल कायम की है। किसान परिवार के पुत्र प्रद्युम्न तिवारी आज देश के उभरते क्रिकेटर्स में एक हैं। प्रद्युम्न बाएं हाथ के फॅास्ट बॉलर और वर्तमान में दिल्ली जिला क्रिकेट एसोसिएशन के लिए खेलते हैं। देश में फटाफट क्रिकेट पर खेले जाने वाले आइपीएल मैचों को दुनिया भर के दर्शकों ने सराहा है। जिसमें युवा क्रिकेटर प्रद्युम्न को भी इस नीलामी सूची में शामिल किया गया है। लिस्ट में शामिल किए गए 590 क्रिकेटर्स में से उनका नाम 334 वें नंबर पर है। प्रद्युम्न के गांव से लेकर आईपीएल का सफर भी काफी संघर्ष भरा रहा। पिता को उसका खेलना पसंद नहीं था जबकि दादाजी चाहती है कि वे खिलाड़ी बने।
किसान त्रिविक्रम नारायण तिवारी के पुत्र प्रद्युम्न को खेल के प्रति प्रोत्साहित करने में उनके दादा दयानंद तिवारी एवं चाचा हरिओम तिवारी का विशेष रोल रहा। जिन्होंने प्रद्युम्न को क्रिकेटर बनने का लक्ष्य देकर भोपाल भेज दिया। गांव में ही आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई करने के बाद पिता ने बेहतर शिक्षा के लिए प्रद्युम्न को चित्रकूट के बोर्डिंग स्कूल सुरेन्द्रपाल ग्रामोदय विद्यालय भेज दिया। 2018 में उनके दादा दुनिया को छोड़कर चले गए। जिसके बाद प्रद्युम्न की कोचिंग का खर्चा चाचा हरिओम तिवारी ने उठाया। स्कूल से वह बाहर क्रिकेट खेलने जाने लगा तो लखनऊ क्लब ने उसे अपनी टीम में शामिल कर लिया। देखते ही देखते वह दिल्ली क्लब का हिस्सा बन गया।
गांव की गलियों में क्रिकेट शुरू करने वाला प्रद्युम्न आज आईपीएल की लिस्ट में शुमार हो गया है। शुरुआती दौर में 9 वीं में स्कूल की पढ़ाई करते समय अंडर-16 लखनऊ के लिए उनका चयन हुआ। दो साल तक लखनऊ में ही अंडर-16 खेला। जहां पर अंडर-19 का सफर बहुत अच्छा रहा। एलबी शास्त्री क्रिकेट मैदान में कोच संजय भारद्वाज के साथ खेल की बारीकियां सीखीं। यहीं से दिल्ली अंडर-19 के लिए सलेक्शन हुआ। अंडर 19 में अच्छे प्रदर्शन की वजह से इंडिया अंडर-19 में सलेक्शन हुआ। इंडिया अंडर 19 की ओर एशिया कप जीतकर विजेता टीम का सदस्य रहे। प्रद्युम्न ने सेमीफाइनल में बांग्लादेश के खिलाफ चार विकेट लेकर चयनकर्ताओं का दिल जीत लिया।
इसके बाद आईपीएल में दिल्ली की ओर से दो सीजन में अनुबंध हुआ। वर्ष 2018 में रणजी टीम में संभावित सदस्य रह चुके हैं। 21 वर्षीय क्रिकेटर प्रद्युम्न की प्रतिभा को देखकर आईपीएल-2019 के लिए भी 20 लाख रुपए बेस प्राइज रखी गई थी, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। प्रद्युम्न वर्ष 2014 में यूपी अंडर-16 टूर्नामेंट खेल चुके हैं। वर्ष 2014 में आईपीएल टीम दिल्ली डेयर डेविल्स के लिए कोचिंग कैंप में चयन हुआ। फिर वर्ष 2015 में इंडियन कॉरपोरेट टीम से अंडर-19 द्विपक्षीय सीरीज में कप्तानी करते हुए चैंपियन बनाया। वर्ष 2016 में मलेशिया में हुए इंडियन कॉरपोरेट टीम में कप्तानी की। वर्ष 2017 में यूएई में हुई अंडर-19 सीरीज के कोच राहुल द्रविड के नेतृत्व में कई मैच खेले। आईपीएल 2017 में खिलाड़ी के रूप में चयन। फिर दिल्ली रणजी टीम में चयन हुआ।
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