कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। करीब 15 साल पहले आगरा से झांसी पैसेंजर ट्रेन में सनसनीखेज लूट, डकैती और हत्या को अंजाम देने वाले पांच आरोपियों को विशेष न्यायालय ने उम्र कैद की सजा सुनाई है। इन सभी पर अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। वहीं इस मामले में एक आरोपी अब तक फरार है। खास बात यह है कि सभी आरोपियों को डकैती के आरोप में यह सजा सुनाई गई है। क्योंकि लूट, डकैती और हत्या का एक आरोपी किशन सेन अभी तक फरार बना हुआ है। उससे पुलिस को 315 बोर का कट्टा भी जब्तक करना है।इसलिए ये प्रकरण न्यायालय में अभी भी विचाराधीन है।
दरअसल 30 नवंबर 2007 को आगरा से झांसी की ओर जा रही पैसेंजर ट्रेन ग्वालियर के मुख्य स्टेशन से कुछ दूरी और अनंत पेठ रेलवे स्टेशन से पहले आउटर पर रुकी हुई थी। उसी समय पैसेंजर ट्रेन में बैठे यात्रियों से हथियारबंद लोगों ने लूटपाट शुरू कर दी।
पत्नी से लूट का विरोध करने पर डकैतों ने पति को मार दी थी गोली
एक यात्री राजकुमारी नामक महिला से उसका मंगलसूत्र और पर्स छीन लिया गया। यात्रा कर रहे उसके पति राजकुमार कुशवाह ने जब इसका विरोध किया तो एक बदमाश ने उसे कट्टे से गोली मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। अन्य यात्रियों के साथ ट्रेन में मोबाइल फोन, सोने की चैन और अन्य सामान लूटा गया था। खास बात यह है कि यात्रियों की चीख-पुकार सुनकर ट्रेन में रेलवे सुरक्षा बल और जी आर पी के जवान भी पहुंच गए थे। उन्होंने बदमाशों को ललकारा था इस दौरान बदमाशों ने पुलिस पर गोली भी चलाईं थी। लेकिन बदमाश अंधेरे का लाभ उठाकर जंगल में भाग निकले थे।
बाद में इन बदमाशों को पुलिस ने गहरी पड़ताल करने के बाद पकड़ा था। इनमें टीकाराम, जितेंद्र सिंह, नरेंद्र कोरी, दिनेश कुमार, संतोष कुशवाह शामिल थे। इस वारदात में किशन कुमार सेन निवासी डबरा भी शामिल था। वह अभी तक फरार है। गंभीर रूप से घायल राजकुमार कुशवाह ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ दिया था। इस घटना में 3 लोगों के साथ लूटपाट हुई थी चूंकि आरोपियों की संख्या आधा दर्जन थी, इसलिए इसमें रेलवे एक्ट की धाराओं के साथ ही डकैती लूट, हत्या, हत्या की कोशिश सहित अन्य धाराओं के तहत जीआरपी ने मामला दर्ज किया था। जीआरपी ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इनमें संतोष जेल में बंद है जबकि टीकाराम, दिनेश, नरेंद्र और जितेंद्र जमानत पर हैं। सभी लोग विशेष कोर्ट में गुरुवार को पेश हुए, जहां से उन्हें जेल भेजने के आदेश दिए गए। इन पर अलग-अलग धाराओं में तीन-तीन हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है।
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