पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबन्द। आदिवासी वनांचल में स्थित गांव में मोबाइल नेटवर्क की समस्या की वजह से कभी सड़क किनारे तो कभी जंगल में नेटवर्क एरिया की तलाश कर ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड बनाया जा रहा है. नेटवर्क एरिया की तलाश करने में कार्ड बनाने वाली टीम को घंटों मशक्कत करनी पड़ रही है.

मामला आदिवासी विकासखंड मैनपुर से 16 किमी दूर ग्राम पंचायत छोटे गोबरा के आश्रित ग्राम बड़े गोबरा का है, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण आयुष्मान कार्ड बनाने वाली टीम को 2 किमी दूर जंगल में सड़क किनारे व पेड़ पर चढ़कर नेटवर्क तलाश कर आयुष्मान कार्ड बनाना पड़ रहा है.

आयुष्मान कार्ड बनाने पहुंचे डोमेश पटेल, लक्ष्मण ठाकुर व शिक्षक दामोदर नेगी ने बताया कि गोबरा मे नेटवर्क समस्या इंटरनेट कनेक्टिविटी नही होने के कारण भारी परेशानी उठानी पड़ रही है. जहां अच्छा नेटवर्क आता है, वहीं कैप लगाकर ग्रामीणों का आयुष्मान कार्ड बनाना पड़ रहा है.

ज्ञात हो कि मैनपुर से 16 किमी दूरस्थ वनांचल क्षेत्र गोबरा के ग्रामीण लंबे समय से मोबाइल टावर लगाने की मांग कर रह है, लेकिन टावर नहीं लग पाने के कारण ग्रामीणों को दूर संचार नेटवर्क समस्या का सामना करना पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि नेट कनेक्टिविटी नहीं मिलने की वजह से इस तरह ऑनलाइन शिविर व नेट आधारित गतिविधियां के लिए उन्हें भटकना पड़ता है.

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ग्रामीणों ने बताया कि पूरी पंचायत क्षेत्र में लगभग 80 प्रतिशत एरिया ऐसा है, जहां पर नेट कनेक्टिविटी नहीं मिलती है. चंद इलाकों में बड़ी मुश्किल से नेट कनेक्शन मिल पाता है. सरपंच रामस्वरूप साहू ने मोबाइल कनेक्टिविटी के लिए कलेक्टर से टावर लगाने की मांग करने की बात कही है.

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