संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी। अधिकारी-कर्मचारियों के संरक्षण में फर्जी पंजीयन करते हुए किसान के धान खरीदी केंद्र पहुंचे बिना ही उनके ऋण पुस्तिका के आधार पर बिचौलिए धान खपा रहे हैं. सालों से चल रहे इस खेल में कथित किसानों को थोड़ा पैसा थमाकर उनके नाम से बिचौलिए बैंक से भुगतान राशि निकाल रहे हैं. इस पर कार्रवाई करते हुए जिला सहकारी बैंक में छापामार कार्रवाई कर एसडीएम ने पांच बिचौलियों को धर दबोचा है.

जानकारी के अनुसार, प्रतिदिन अलग-अलग गांव के किसानों को धान का समर्थन मूल्य की राशि का भुगतान जिला सहकारी बैंक शाखा लोरमी में किया जाता है, लेकिन बिचौलियों के लिए दिन निर्धारित नहीं है. इसके अलावा प्रत्येक किसान को 25 हजार से अधिक राशि नहीं देने का फरमान शाखा प्रबंधक हरीश वर्मा ने जारी किया था, जबकि बिचौलियों को लाखों रुपए कमीशन लेकर भुगतान करने का आरोप भी आरोप है.

इस बीच बैंक में निरीक्षण के दौरान डोंगरिया निवासी अमरनाथ श्रीवास पिता रामनिवास से पंजीकृत किसानों का 15 विड्राल फॉर्म जब्त किया, जिसमें 4 लाख 97 हजार नौ सौ रुपए भरा था, जबकि उसके पास स्वयं का पासबुक नहीं था. विड्राल फार्म में सभी किसानों का हस्ताक्षर व अंगूठा निशानी पाया गया. यही नहीं बैंक में वेंकट नवागांव बारदाना प्रभारी छेदीलाल कश्यप ने भी अन्य व्यक्ति के नाम से फर्जी विड्राल किया है.

मिलीभगत के इस गंभीर मामले में लोरमी के थाना प्रभारी एनबी सिंह ने बताया कि बिचौलिया लेखराम जायसवाल, संजीव शर्मा, छेदीलाल कश्यप, आकाश कुमार जायसवाल समेत अमरनाथ श्रीवास को किसानों के बैंक अकाउंट से फर्जी विड्राल भरकर राशि आहरण करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिनके विरुद्ध लोरमी थाने में कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर नियमानुसार कार्रवाई की जा रही है.

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वही इस कार्रवाई में मुख्य रूप से लोरमी एसडीएम मेनका प्रधान तहसीलदार छाया अग्रवाल नायब तहसीलदार राहुल कौशिक और महेश्वर उइके मौजूद रहे. मामले को लेकर जिला सहकारी बैंक लोरमी के शाखा प्रबंधक हरीश वर्मा ने बताया कि बैंक में कुछ लोग अनिरुद्ध तरीके से घुसे हुए थे, जिन्हें एसडीएम ने पकड़ा है. हम सबको रोक नहीं सकते क्योंकि हमारा भी टेबल में काम रहता है.

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