रायपुर- स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की कमी को लेकर आज रमन कैबिनेट की बैठक में गरमागरम बहस हुई। लगभग सभी मंत्रियों ने एक सुर में इस बात को लेकर घेरा कि प्रदेश से विषयवार शिक्षक लगातार रिटायर हो रहे हैं, पर उनकी भर्ती नहीं हो रही है।
हालात ये है कि शिक्षा विभाग के स्थायी शिक्षक 22 फीसदी ही बचे हैं, ऐसे में प्रधानपाठक और प्राचार्य जैसे पदों पर भी नियुक्ति नहीं हो पा रही है। मंत्रियों ने लेक्चरर के पद फिर से बनाने की मांग की। बता दे कि प्रदेश में लेक्चर के स्थायी पदों को स्कूल शिक्षा विभाग ने खत्म करने का फैसला कर लिया था। इसके चलते विषयवार शिक्षकों के करीब 3000 पद खाली हैं। रायपुर शहर में ही 600 से ज्यादा पद खाली हैं।
दरअसल मंत्रिमंडल की बैठक में रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर सभाग के सभी ट्रायबल ब्लॉकों में आउटसोर्सिंग के जरिये विषय शिक्षकों की नियुक्ति का मामला आया था। मंत्रियों ने कहा- सिर्फ बस्तर और सरगुजा ही क्यों बाकी इलाकों में भी विषय शिक्षकों की नियुक्ति की जाए। बैठक में तय किया गया कि शिक्षा विभाग इस मुद्दे को लेकर प्रेजेंटेशन तैयार करेगा।
बैठक में शक्कर पर सभी 56 लाख राशन कार्ड धारियों को सब्सिडी जारी रखने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने मात्र 7 लाख परिवारों को ही शक्कर पर सब्सिडी देने का फैसला किया था। ऐसे में बाकी परिवारों को राशन दुकानो से शक्कर नही मिल सकती थी।
मंत्रियों और संसदीय सचिवों की स्वेच्छानुदान की राशि में बढ़ोतरी को सरकार ने मंजूरी दे दी है। रमन कैबिनेट की बैठक में मंत्रियों की स्वेच्छानुदान की राशि एक करोड़ से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये कर दिया गया है, तो वहीं संसदीय सचिवों की स्वेच्छानुदान की राशि 50 लाख से बढ़ाकर 70 लाख रुपये कर दिया गया।
इधर कैबिनेट ने सुकमा के बुर्कापाल नक्सल हमले में शहीद जवान बनमाली राम यादव की पत्नि जितेश्वरी यादव को एएसआई के पद पर अनुकम्पा नियुक्ति दिए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन भी किया। लोक सुराज अभियान के दौरान जशपुर जिले के धौरासाण्ड गांव जाकर मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने शहीद जवान के परिजनों से मुलाकात की थी। शहीद की पत्नि जितेश्वरी यादव को एएसआई पद के लिए नियुक्ति पत्र सौंपा था।
कैबिनेट फैसले एक नजर में-
- छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 में संशोधन – मंत्रीपरिषद द्वारा छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत 15 विभिन्न प्रजातियों के लकड़ियों के परिवहन के लिए अभिवहन पास की जरूरत नही होगी। इनमें सिरिस, रिमझा, रबर, शंकुधारी प्रजातिया (पाईन प्रजातियों को छोड़कर), आस्ट्रेलियन बबूल, केसिया साइमिया, बकैन, ग्लेरिसीडिया, खमेर, कदम, सिस्सू, कपोक, महारूख और सिल्वर ओक शामिल है।इसके अलावा सात जिलों सरगुजा, जशपुर, जांजगीर-चांपा, कोरबा, धमतरी, कवर्धा और महासमंुद में बांस को भी अभिवहन पास (ट्रांजिट पास) से छूट दी जाएगी।
- शक्कर की कीमतों में कोई वृद्धि नही
- भारत सरकार से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के अंतर्गत शक्कर की प्राप्त सबसिडी को अन्त्योदय परिवारों से बढ़ाकर सभी राशन कार्डधारी परिवारों (58,24,676 परिवार) को एक किलोग्राम प्रतिमाह प्रति राशनकार्ड की देने का निर्णय लिया गया।
- प्रदेश की 3120 बसाहटों में दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना
- राज्य की ऐसी 3120 बसाहटें जो वर्तमान में विद्युतिकरण हेतु संचालित केन्द्र सरकार एवं राज्य शासन की योजनाओं में शामिल नही है, उनमें दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के मापदण्डो के अनुसार विद्युतीकरण का निर्णय लिया गया। इस पर लगभग 190 करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।
- सामान्य भविष्य निधि पर ब्याज दर का निर्धारण
- राज्य भविष्य निधि पर देय ब्याज दर का निर्धारण- मंत्रिपरिषद द्वारा राज्य की सामान्य भविष्य निधि तथा अंशदायी भविष्य निधि पर 1.04.2017 से 30.06.2017 तक की अवधि के लिए ब्याज दर 7.9 प्रतिशत रखने का निर्णय लिया गया।
- माननीय मंत्रियों और संसदीय सचिवों के स्वेच्छा अनुदान की राशि में वृद्धि – माननीय मंत्रियों की स्वेच्छा अनुदान राशि एक करोड़ रूपए से बढ़ाकर 1.50 करोड़ रूपए, राज्य मंत्रियों की स्वेच्छा अनुदान राशि 80 लाख रूपए से बढ़ाकर एक करोड़ और संसदीय सचिवों की स्वेच्छा अनुदान राशि 50 लाख से बढाकर 70 लाख रूपए करने का निर्णय लिया गया।
- तीन राजस्व संभागों के आदिवासी बहुल इलाकों में
- लोक सुराज अभियान के दौरान जिलेवार समीक्षा के यह पाया गया कि रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के अधिसूचित अनुसूचित जनजाति के विकासखण्डों और इन संभागों के सामान्य विकासखण्डों के अधिसूचित माडा पाकेट क्षे़त्रों के हाईस्कूलों और हायर सेकेण्डरी स्कूलों के अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य और विज्ञान समूह के व्यख्याताओं के 1882 पद रिक्त है जो कुल पदों का लगभग 40 प्रतिशत है। इन क्षेत्रों में स्थित विकासखण्डों और माडा पाकेट क्षेत्रों में अंग्रेजी, गणित, वाणिज्य और विज्ञान समूह के विषय विशेषज्ञ शिक्षकों की कमी को देखते हुए इन स्कूलों में भी बस्तर और सरगुजा संभागों की तर्ज पर प्लेसमेंट दी जाएगी।