लखनऊ. लखनऊ पुलिस ने पिछले छह साल से बंदी और दुष्कर्म की शिकार 22 वर्षीय महिला को छुड़ा लिया है. मध्य प्रदेश की रहने वाली महिला का दो साल का बच्चा है. पुलिस को शक है कि आरोपी मनीष प्रताप ने और लड़कियों को बंदी बनाया है.
पश्चिम क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी), सोमेन बरमा ने कहा कि फर्जी मार्कशीट गिरोह चलाने के आरोप में 11 फरवरी को मनीष को अमीनाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद विवरण सामने आना शुरू हो गया था. अधिकारी ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस को 22 वर्षीय महिला का पता चला. एक महिला राजपत्रित अधिकारी को उस लड़की से बात करने के लिए कहा गया है, जिसने मनीष द्वारा बंदी बनाए जाने के दौरान आतंक, दर्द और पीड़ा के बारे में बताया.
लड़की ने आरोप लगाया कि मनीष उसे अच्छी शिक्षा देने के बहाने मध्य प्रदेश में उसके घर से ले गया था. 2015 में, उसे लखनऊ लाया गया और प्रताड़ित किया गया. उसने दावा किया कि उसके साथ कई बार रेप किया गया. लड़की को ब्लैकमेल करने के लिए वॉशरूम में एक सीसीटीवी कैमरा भी लगाया गया था.
डीसीपी ने कहा कि लड़की मनीष के खिलाफ बोलने की हिम्मत तभी जुटा पाई, जब उसे यकीन हो गया कि मनीष को गिरफ्तार कर लिया गया है और वह अब उसे कोई नुकसान नहीं पहुंचा सकता. उन्होंने कहा कि हम लड़की के परिवार के संपर्क में हैं. उसके बयान एक मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि उसने पुलिस को यह भी बताया था कि बदमाश ने उसके जैसी कई लड़कियों का शोषण किया है. मनीष के खिलाफ दुष्कर्म और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम, 2012 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.