अजय शर्मा, भोपाल। मध्य प्रदेश के 1419 निजी विद्यालयों पर गाज गिरी है. मान्यता शर्तों का पालन नहीं करने पर इनकी मान्यता रद्द कर दी गई है. संचालक नियमों को ताक पर रखकर स्कूलों का संचालन कर रहे थे. कई स्कूलों के पास खेल मैदान और पर्याप्त भवन तक नहीं था. वहीं कार्रवाई के विरोध में प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
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प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने शिक्षा विभाग की कार्रवाई का कड़ा विरोध किया है. एसोसिएशन ने सरकार पर सवाल खड़े करते हुए मनमानी का आरोप लगाया है. प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि सरकार ने ऐसे कई स्कूलों पर कार्रवाई की है जो 20 से 25 सालों से संचालित हो रहे थे.
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दरअसल, स्कूलों की मान्यता हर साल रिनुअल होती है. 3 साल या 5 साल में टीम स्कूल का निरीक्षण करने जाती है. मान्यता लेते समय सभी स्कूल संचालकों ने छात्रों को सभी सुविधाएं देने का वादा किया था, लेकिन ज्यादातर स्कूलों ने शर्तों पर ध्यान नहीं दिया. 12वीं की मान्यता के लिए 56 हजार वर्ग फीट और दसवीं तक की मान्यता के लिए 4000 वर्ग फीट जमीन होना जरूरी है. साथ ही खेल के लिए मैदान होना चाहिए. निरीक्षण के दौरान कमी पाए जाने पर इन निजी स्कूलों की मान्यता रद्द की गई है.
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