सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 को लागू करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर गठित कमेटी के साथ राज्य में लागू करने के लिए गठित कमेटी के मंथन के बीच भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा गठित कमेटी ने कृषि विश्वविद्यालयों में लागू करने के लिए 2021-22 को लेकर 2040 तक के लिए शेड्यूल जारी किया है.

रोजगार मूलक पाठ्यक्रम

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत रोजगार मूलक पाठ्यक्रम लाया जाएगा. इसके लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा गठित कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है, 2025 में पाठ्यक्रम चेंज किया जाएगा, फिलहाल मौजूदा सिलेबस में पढ़ाई जारी है.

 एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट

कोई भी पाठ्यक्रम में दो बार पढ़ाई छोड़कर फिर से पढ़ाई करने का प्रावधान होगा, जैसे की चार साल के पाठ्यक्रम में एक साल पढ़ाई करने के बाद ड्रॉप करते हैं, तो फिर आप दोबारा पढ़ना चाहते हैं, तो आप पढ़ाई जहां छोड़े थे उसके आगे से शुरु सकेंगे और आप जो पढ़ चुके हैं एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में सुरक्षित रखा जाएगा.

मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट

मल्टीपल एंट्री और मल्टीपल एक्जिट के रास्ते 2025 में खुलेंगे यानी कि तीन साल के पाठ्यक्रम में अगर आप एक साल पढ़ाई करके छोड़ देते हैं तो आपको सर्टिफिकेट मिलेगा. दो साल पढ़ाई करके छोड़ते हैं तो डिप्लोमा, अगर पूरी पढ़ाई करते हैं तो डिग्री मिलेगी.

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इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के डीन एम के ठाकुर ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2022 के तहत 2025 में सिलेबस में परिवर्तन होगा. जिसके लिए कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है, रोजगार मूलक पाठ्यक्रम होगा, विद्यार्थी एवं शोधार्थियों के लिए कई नए रास्ते खुलेंगे. फिलहाल दिशा-निर्देश के मुताबिक IGKV में अधोसंरचना विकास एवं सीटों की संख्या में वृद्धि की गई है. दूसरे राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में 3100 विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाता है. कई राज्यों में तो 400-600 सीट हैं, बावजूद हमने 10% तक की वृद्धि की है.