नई दिल्ली। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की ओर से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत मांगने का मामला अब तूल पकड़ रहा है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को राव पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) को जवाब देना चाहिए कि वह भारतीय सेना के साथ हैं या पाकिस्तान के साथ हैं? इससे पहले राव ने भारतीय सेना के सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए थे। उन्होंने इस मुद्दे पर राहुल गांधी का समर्थन करते हुए कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक पर राहुल गांधी का सबूत मांगना गलत नहीं है। सीएम राव ने कहा कि राहुल गांधी ने जो सबूत मांगे हैं वह गलत नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी हमेशा गलत प्रचार करती है। सीएम राव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं भी सबूत मांग रहा हूं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने जो कुछ पूछा है उसमें कुछ भी गलत नहीं है और मैं भी भारत सरकार से यही पूछ रहा हूं।

उनके बयान के बाद ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री हुजूराबाद विधानसभा उपचुनाव हारने के बाद गुस्से और घबराहट में हैं।

ठाकुर ने कहा, “हुजूराबाद में सर्जिकल स्ट्राइक (उपचुनाव में हार) के बाद, उनका (राव) स्वर बदल गया है। वर्तमान में, वह एक चुनाव हार गए हैं और एक चुनाव हारने के बाद यह स्थिति है, जो कि स्पष्ट रूप से दिखाता है कि केसीआर और टीआरएस तेलंगाना में जमीन खो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में चुनाव के समय वे सर्जिकल स्ट्राइक को याद कर रहे हैं। कांग्रेस और टीआरएस के स्वर पाकिस्तान से मेल खाते हैं। जब भी कोई चुनाव होता है तो वे नए प्रयोग करते हैं, चाहे वह हिजाब हो या सर्जिकल स्ट्राइक, क्योंकि वे विकास के मुद्दे पर प्रतिस्पर्धा करने में असमर्थ हैं।”

ठाकुर ने दावा किया कि लोगों का उनसे मोहभंग हो गया है और लोगों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विकास और कल्याण के एजेंडे में विश्वास है।

उन्होंने आगे कहा, “सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाना केसीआर की मानसिकता को दर्शाता है। कांग्रेस और टीआरएस ने सर्जिकल स्ट्राइक और गलवान घाटी में हमारे सैनिकों की बहादुरी पर सवाल उठाया और देश उन्हें माफ नहीं करेगा। पाकिस्तान और दुनिया ने स्वीकार किया कि भारतीय बलों ने सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकी शिविर को नष्ट कर दिया। ऐसे में कांग्रेस और टीआरएस को जवाब देना होगा कि वे भारतीय सेना के साथ हैं या पाकिस्तान के साथ? कांग्रेस और टीआरएस को जवाब देना होगा कि क्या उन्हें भारतीय सैनिकों की तुलना में पाकिस्तान में अधिक विश्वास है?”