मनोज उपाधयाय, मुरैना। दबंगों से हारकर एसएएफ जवान का परिवार आखिरकार मुरैना से पलायन कर गया. प्रशासन की अनदेखी के चलते जवान की पत्नी अपने दो बच्चों के साथ मजबूरन ग्वालियर आ गई. पुलिस सुरक्षा में उसने अपना घर खाली किया.
बता दें कि रामनगर नई बस्ती में रहने वाले राजबहादुर सिंह बघेल सीआरपीएफ के जवान हैं और वर्तमान में पुलवामा में पदस्थ हैं. उनकी पत्नी ममता बघेल दो बच्चों मुरैना के रामनगर क्षेत्र रहती थी. फौजी के घर के बगल में नगर निगम के कर्मचारी अशोक सिंह बघेल का मकान हैं, जिसने कॉलोनी के रास्ते पर कब्जा कर मकान तन लिया है. सड़क पर मकान निर्माण होने से पानी की निकासी बंद हो गई और फौजी के घर के आगे कीचड़ हो गया.
इसकी शिकायत फौजी की पत्नी ने अधिकारियों से की, जिससे दबंगों ने उनके साथ मारपीट कर दी. ममता ने इसकी एफआइआर स्टेशन रोड थाने में दर्ज करवाई, लेकिन आरोपियों ने ममता बघेल को राजीनामा करने की धमकी देने लगे. ममता बघेल पानी की निकासी के लिए तीन महीने से नगर निगम और मारपीट करने वाले आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए कलेक्टर, एसपी और नगर निगम आयुक्त से लेकर थाने के चक्कर काट रही थी, लेकिन किसी ने नहीं सुना. बल्कि पुलिस राजी होने के लिए जवान की पत्नी को ही धमकाने लगी.
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तीन दिन पहले फौजी की पत्नी ने अपना मकान खाली करवाने के लिए एसपी आशुताेष बागरी से सुरक्षा मांगी. एसपी ने मूल समस्या का निदान करवाने से बेहतर फौजी के परिवार के पलायन को ठीक समझा. इसीलिए बुधवार को स्टेशन रोड थाने से एक महिला एसआई और तीन महिला आरक्षकों को फौजी की पत्नी के साथ भेजा गया. जिनकी निगरानी में जवान की पत्नी ने घर खाली कर ट्रक में सामान भरकर मुरैना से ग्वालियर आ गई.
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