आज़ाद सक्सेना, दंतेवाड़ा. दंतेवाड़ा के वनोपज ने एक बार फिर उपलब्धि हासिल की है. दंतेवाड़ा का महुआ अब विदेशों में भी अपनी खुशबू बिखेरेगा. जिले का महुआ लंदन में शुगर के सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर फ्रूड ग्रेडिंग तैयार किया जाएगा.
दक्षिण बस्तर के जंगलों में पर्याप्त वन उपज की मात्रा उपलब्ध है, जिनको एकत्र कर ग्रामीण व्यापारियों के माध्यम से बिक्री करते हैं, लेकिन कई सालों से वन विभाग के द्वारा एमएसपी निर्धारित कर खरीदा जा रहा है. महुआ को 30 रुपए किलो में वन विभाग खरीद रहा है.
दरअसल, वन विभाग ने गांव-गांव में महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में सहायता की है. ये महिलाएं महुआ पेड़ के नीचे नेट लगाकर महुआ का संकलन करती हैं और इनको सुखाकर वन विभाग को बेचती हैं. हालांकि महुएं की क्वालिटी को ध्यान में रखते हुए महिलाएं नेट का इस्तेमाल करती हैं, जिससे महुआ जमीन पर न गिरे, जिससे यह उच्च क्वालिटी का हो जाता है. महुए को वन विभाग कुकीज, लड्डू जैसे प्रोडक्ट बनाने में इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन अब इस महुए की खुशबू विदेशों में भी महकने वाली है.
बता दें कि जिले के महुए का सैंपल लंदन भेजा गया था, जो काफी पसंद किया गया और सैंपल पास कर दिया गया. लंदन में शुगर के सप्लीमेंट के तौर पर इस्तेमाल कर फ्रूट ग्रेडिंग तैयार किया जाएगा.
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वहीं महुए को लंदन में बेचने से वन विभाग को काफी मुनाफा होने की भी उम्मीद लगाई जा रही है. लंदन में जो महुआ जाएगा, उसको 85 रुपए किलो के दर से बेचने की बात अधिकारी ने कही है.
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