कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न और ग्वालियर के गौरव स्व. अटल बिहारी बाजपेयी की यादों को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उनके जन्मदिन को नगर गौरव दिवस यानी कि सिटी डे के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दिन जिला प्रशासन और नगर निगम ग्वालियर द्वारा अटल के जीवन पर आधारित अनेक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। मध्यप्रदेश शासन के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी निर्दोषों में कहा गया है की प्रदेश का प्रत्येक नगर अपनी अलग पहचान रखता है।

स्थानीय नागरिकों में आत्म गौरव की भावना को निर्मित करने, शहर से लगाव बढ़ाने के लिए उन्हें स्थानीय जानकारी होना अनिवार्य है। इसकी पीढ़ी दर पीढ़ी सांस्कृतिक विरासत का हस्तांतरण हो सके। नगर निगम आयुक्त किशोर कान्याल ने नगर गौरव दिवस के लिए सभी जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों, बुद्धिजीवियों से चर्चा करने के बाद स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन को नगर गौरव दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव नगर निगम प्रशासक, संभागीय आयुक्त आशीष सक्सेना को भेजा गया, जिस पर उन्होंने स्वीकृति प्रदान की है। स्वीकृति प्रस्ताव का अनुमोदन जिले के प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट ने भी किया है।

नगर गौरव दिवस को लेकर सियासत

नगर गौरव दिवस को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। कांग्रेस की ओर से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम का उपयोग वोट बैंक के लिए करती है। क्योंकि यदि वाकई में अटल को सम्मान उनके ही शहर में देने की पहल की जा रही है तो सबसे पहले ग्वालियर में प्रस्तावित अटल स्मारक की नींव रखी जानी चाहिए, जो कि आज तक सरकारी फाइलों में पड़ा हुआ है।

मामले में बीजेपी सांसद विवेक नारायण शेजवलकर का कहना है कि अटल के जन्मदिन को नगर गौरव दिवस के रूप में मनाना हर ग्वालियरवासी के लिए गर्व की बात है। उन्होंने कांग्रेस के आरोपों पर माना कि अटल स्मारक को तैयार किए जाने में काफी विलंब हुआ है जिसे जल्द मूर्त रूप देने की तैयारी की जाएगी। इसको लेकर वह खुद प्रशासन से चर्चा करेंगे।

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