रायपुर। प्रदेश में कुलपति चयन विवाद को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि भाजपा का स्पष्ट तौर पर मानना रहा है कि यहां माटीपुत्रों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में योग्य प्रतिभाओं की कमी नहीं है, राज्य निर्माता अटल जी ने इसी ध्येय को लेकर प्रदेश का गठन किया था. छत्तीसगढ़ी को राजभाषा बनाने समेत असंख्य ऐसे कदम प्रदेश की भाजपा सरकार ने उठाए जिससे प्रदेश को दुनिया भर में एक पहचान मिली.

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कहा कि विश्वविधालय में कुलपति चयन करना राज्यपाल का अधिकार है. कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर राजनीति की जा रही है. कांग्रेस के मुखिया छत्तीसगढ़ के नाम पर केवल अपने रिश्तेदारों और ख़ास लोगों को लाभ पहुँचाना चाह रहे, इसीलिए ऐसा प्रपंच रचा जा रहा है.

रमन ने कहा कि प्रदेश के सभी वर्गों को समुचित प्रतिनिधित्व मिले, इससे छत्तीसगढ़ियावाद मज़बूत होगा, न कि जैसा सीएम बघेल चाहते हैं, उस तरह केवल उनके चुनिंदे लोगों को महत्वपूर्ण स्थान पर बिठा कर. रमन सिंह ने कहा कि हाल के घटनाक्रमों से साफ़ ऐसा लग रहा है कि किसी अपने आप्त या रिश्तेदारों को कुलपति बनाने मुख्यमंत्री ऐसा प्रपंच रच रहे हैं. संघीय ढांचा में इस तरह का विवाद पैदा करना निहायत ही अनुचित है. राज्यपाल के पद को इस तरह कांग्रेस द्वारा लांछित करना कहीं से भी उचित नहीं कहा जा सकता है.

पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने कहा कि छतीसगढ़ के लोगों में प्रतिभा की कमी नही है. यही कारण है कि अभी 14 विश्वविधालयों में 9 कुलपति स्थानीय ही हैं. सभी ने अपनी प्रतिभा से अपना स्थान बनाया है. रमन ने कहा अच्छा होता कि कांग्रेस सरकार राज्य सभा सांसद के रूप केटीस तुलसी, जो कभी छतीसगढ़ आते भी नहीं के बदले किसी स्थानीय व्यक्ति को राज्य सभा भेजती.

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि सीएम बघेल को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कांग्रेस आगे तुलसी जैसी ग़लती न दुहराते हुए जब भी अवसर आये, तब राज्यसभा के लिए राज्य के स्थानीय निवासी को प्राथमिकता देंगे. उन्होंने कहा कि इस तरह गांधी परिवार के वफ़ादारों को छत्तीसगढियों का हक़ छीन कर देना निहायत ही अनुचित है.

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