कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। क्रिकेट प्रेमियों को 24 फरवरी 2010 का दिन सुनहरी याद देकर गया है, क्योंकि इस दिन क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने इतिहास रचा था। ग्वालियर के कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट मैच में दोहरा शतक जड़ा था। लेकिन आज यही स्टेडियम बदहाली से जूझता हुआ अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहा है।
चारो तरफ गंदगी, टूटी कुर्सियां, जर्जर खिड़कियां और इतिहास के पन्नों को समेटा हुआ स्कोर बोर्ड अपनी गवाही खुद दे रहा है कि आज उसका क्या हाल हो गया है। 24 फरवरी 2010 के इसी क्रिकेट ग्राउंड में भारत और साउथ अफ्रीका के बीच डे-नाइट क्रिकेट मैच हुआ था। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने भी इतिहास रचते हुए दोहरा शतक जड़ा था। लेकिन इस क्रिकेट मैदान पर यह आखिरी अंतराष्ट्रीय मैच हुआ। क्योंकि BCCI के नार्म्स के अनुसार यह अब उस काबिल नहीं बचा था। बस इस फैसले के बाद मानों इस स्टेडियम की सुध लेने वाले इसे भूल ही गए। जिसके कारण आज इसकी अस्तित्व की लड़ाई शुरू हो गयी है।
इस क्रिकेट स्टेडियम में अब तक 12 अंतराष्ट्रीय मैच हुए है,और यहां की पिच भारत के लिए काफी लकी भी रही है।
25 जनवरी 1988,भारत वर्सेस वेस्टइंडीज, वेस्टइंडीज की जीत हुई।
27 अक्टूबर 1989 इंग्लैंड वर्सेस वेस्टइंडीज, इंग्लैंड की जीत हुई।
12 नवंबर 1991 इंडिया वर्सेस साउथ अफ्रीका, भारत की जीत हुई।
4 मार्च 1993 इंग्लैंड वर्सेस इंडिया, भारत जीता।
5 मार्च 1993 इंग्लैंड वर्सेस इंडिया,भारत जीता।
21 फरवरी 1996, डे नाइट मैच,वल्र्ड कप, इंडिया वर्सेस वेस्टइंडीज, भारत जीता।
12 मई 1997 श्रीलंका वर्सेस पाकिस्तान, पाकिस्तान जीता।
28 मई 1998 इंडिया वर्सेस केन्या, केन्या जीता।
11 नवंबर 1999 इंडिया वर्सेस न्यूजीलैंड, भारत जीता।
26 अक्टूबर 2003 इंडिया वर्सेस ऑस्ट्रेलिया, इंडिया जीता,डे नाइट मैच।
15 नवंबर 2007 इंडिया वर्सेस पाकिस्तान इंडिया जीता। डे नाईट।
24 फरवरी 2010 इंडिया वर्सेस साउथ अफ्रीका, भारत जीता। डे नाईट।
कैप्टन रूप सिंह स्टेडियम में कुल 12 अंतराष्ट्रीय मैच हुए है,10 मैच भारत ने खेले हैं।जिनमें से 9 मैचों में भारत को जीत हासिल हुई हैं। 24 फरवरी 2010 को अंतिम अंतराष्ट्रीय क्रिकेट मैच होने के बाद स्थानीय प्रशासन से लेकर खेल मंत्रालय तक कोई भी इसकी सुध लेने वाला नजर नहीं आया है।GDCA के हेड क्रिकेट कोच विजय प्रकाश शर्मा ने बताया कि GDCA ने स्टेडियम के अस्तित्व को बचाने के लिए अपील की है कि,यहां रेनोवेशन कराया जाए। कुछ कमर्शियल स्थान भी बनाये जाए ताकि उससे होने वाली आय से इसका रखरखाव हो सके। अनुमान के अनुसार प्राथमिक तौर पर लगभग 25 करोड़ से ज्यादा की आवश्यकता इसको लेकर है।
बहरहाल क्रिकेट प्रेमी आज के दिन को सेलिब्रेट कर सचिन तेंदुलकर की उस चौके छक्कों की बरसात से भरी नाबाद पारी को याद कर रहे है। वहीं आज भी यह स्टेडियम अपने अस्तित्व को बचाने को लेकर जूझ रहा है। जल्द ही शहर के शंकरपुर में बन रहा नया अंतराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम अपना मूर्त रूप ले लेगा, लेकिन इसके साथ ही इस स्टेडियम को मिलने वाली BCCI की मदद भी खत्म हो जाएगी,लिहाजा GDCA को उम्मीद है कि स्थानीय जिला प्रशासन और स्मार्ट सिटी इसको लेकर कुछ सकारात्मक कदम उठाएंगे,ताकि यह ऐतिहासिक स्टेडियम इतिहास के झरोखों को जिंदा रखते हुए क्रिकेट की नई पौध को पोषित कर सके।
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