राकेश चतुर्वेदी, भोपाल/उज्जैन। महाशिवरात्रि (mahashivratri) पर महाकाल (Mahakala) की नगरी उज्जैन इतिहास रचेगी।महाशिवरात्रि के दिन उज्जैन में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनेगा। महाकाल की नगरी उज्जैन (Ujjain the city of Mahakal) इस दिन 21 लाख दीयों से रोशन होगी। इस दिन शहर का हर घर दीपावली की तरह जगमग होगा। एेसा करते ही शहर का नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया जाएगा। इसमें करीब 40 लाख रुपए का खर्च आएगा। इससे पहले दीपावली-2021 में भगवान राम ( lord ram)की नगरी अयोध्या में 9 लाख दीये जलाए गए थे। 

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उज्जैन में आज 11 सड़कों के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने इसका ऐलान किया। सीएम ने इस दौरान कहा कि काशी के बाद उज्जैन दीपों से जगमग होगा। महाशिवरात्रि पर उज्जैन में 21 लाख दीये जलेंगे। 

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शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीये जलेंगे 

महाशिवरात्रि पर शिप्रा नदी के भूखी माता मंदिर घाट से लेकर रामघाट तक 12 लाख दीपक लगाए जाएंगे। तीन लाख दीपक अलग-अलग जगहों, घरों और प्रतिष्ठानों में लगेंगे। दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।
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दीये लगाने के लिए तेल, मिट्टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च करीब 40 लाख रुपए आएगा। करीब 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना है। 4 लाख रुपए की बाती भी आएगी। कार्यक्रम में सभी दीपक एक साथ शाम सात बजे जलाए जाएंगे। इससे पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर दीपक जलाना शुरू कर देंगे। सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग भी दी जा रही है।

सायरन बजते ही जलेंगे दीये, 40 लाख आएगा खर्च
अलग-अलग घाटों पर 12 लाख दीये, महाकाल मंदिर में 51 हजार दीये, फ्रीगंज टॉवर पर एक लाख, शहर के मंगलनाथ, चिंतामण , कालभैरव, भूखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों पर भी दीपक जलाए जाएंगे। दावा किया जा रहा है कि यह दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। आयोजन के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। उनकी टीम के कुछ सदस्य तैयारी देखने उज्जैन आएंगे।

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सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और दूसरे धर्मों से जुड़े लोग भी दे रहे साथ 
उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ( Ujjain Collector Ashish Singh) ने बताया कि पहले 15 लाख दीये लगाने की योजना थी। लेकिन जिस तरह से कार्यक्रम के लिए लोग भागीदारी कर रहे हैं, इसे देखते हुए लक्ष्य को और बड़ा कर दिया है। सामाजिक संगठनों, विद्यार्थियों और दूसरे धर्मों से जुड़े लोगों को भी शामिल किया गया है। समितियां बनाई गई हैं। क्षिप्रा किनारे एक हजार दीपक लगाकर रिहर्सल भी की गई। एक आदमी लगभग सौ दीये लगा सकेगा। गौरतलब है कि इसके पहले अय़ोध्या में दीपोत्सव हुआ था। अयोध्या में दीपावली के मौके पर 12 लाख दीपक लगाए गए थे।

अयोध्या के दीपोत्सव से कितना अलग होगा उज्जैन का दीपोत्सव

बता दें कि अयोध्या में साल 2021 में दीपावली के मौके पर 9 लाख दीपक लगाए गए थे। लेकिन उज्जैन में महा शिवरात्रि पर 21 लाख दीपक लगाए जाएंगे। इस दौरान अयोध्या और आसपास के गांवों सहित कई बड़े शहरों से दीपक मंगवाए गए थे। उज्जैन में 21 लाख दीपक लगाने का दावा उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने किया है। वहीं दीपक बनाने के टेंडर निकाले है जो की उज्जैन सहित देवास और इंदौर में भी बनकर तैयार होंगे। इस बार दीपोत्सव में अयोध्या का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए उज्जैन में तैयारी कर ली गयी है ।

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