कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मिशन 2023 को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी टीम को मैदान में उतार दिया है. विकासकार्यों में लेटलतीफी, भ्रष्टाचार की शिकायतों पर सीएम ने की नजर है. यही कारण है कि सीएम के निर्देश पर विशेष जांच दल उतारा गया है. मुख्य तकनीकी परीक्षक सतर्कता टीम ग्वालियर में डेरा जमा चुकी है. टीम ने कई विकास कार्यों की जांच की.
मुख्य तकनीकी सतर्कता अधिकारी गजानन सुनईया के नेतृत्व में 9 सदस्यीय जांच दल ने शुक्रवार को हाउसिंग बोर्ड के प्रोजेक्ट, पीडब्ल्यूडी की सड़कें, निर्माणाधीन आरओबी, जलालपुर स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के साथ ही स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों की जांच की. 300 करोड़ लागत वाली निर्माणाधीन थीम रोड की जांच के दौरान अधिकारी ठेका कम्पनी को फटकार लगाते हुए भी नजर आए. जांच अधिकारी का गुस्सा इसलिए फूटा क्योंकि वह उन्हें भी मेजरमेंट के दौरान गुमराह करने का प्रयास कर रहे थे. जांच अधिकारी यह भी कहते हुए नजर आए कि, मुझे गुमराह मत करो, इस कर्मचारी को तत्काल हटाने की बात भी कही.
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कांग्रेस ने सीएम शिवराज पर कसा तंज
जांच दल को लेकर कांग्रेस की ओर से प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने ट्वीट करते हुए भाजपा पर तंज कसा है. उन्होंने कहा है कि सीएम शिवराज आखिर ऐसी क्या मजबूरी आ गई कि आपको अपना विशेष जांच दल ग्वालियर भेजना पड़ा. अब भेज ही दिया है तो जांच भी निष्पक्ष होनी चाहिए. बता दें कि जांच दल अन्य विभागों के निर्माण कार्यों की भी जांच कर रहा है. दल प्रोजेक्टों की रिपोर्ट सीधे मुख्यमंत्री को सौंपेगा.
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