चंडीगढ़। पंजाब में 117 सीटों पर 20 फरवरी को मतदान हो चुके हैं, 10 मार्च को सभी को नतीजों का इंतजार है. वहीं वोटिंग हो जाने के बाद भी पंजाब कांग्रेस में अंतर्कलह जारी है. कांग्रेस के पूर्व पंजाब प्रधान सुनील जाखड़ ने एक बार फिर वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू अपनी वजह से पार्टी में बिल्कुल अकेले खड़े हैं. सुनील जाखड़ ने नवजोत सिंह सिद्धू के अकेला पड़ने की वजह को भी बयां किया है.

 

सुनील जाखड़ ने सिद्धू पर लगाए आरोप

सुनील जाखड़ ने कहा कि 23 जुलाई को नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे. उस वक्त उनकी लोकप्रियता चरम पर थी, लेकिन सिद्धू ने मंच से कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रति सही व्यवहार नहीं किया. उसी दिन से सिद्धू के नीचे गिरने की शुरुआत हो गई और आज वह लोकप्रियता के उस शिखर पर बिल्कुल अकेले हैं. बता दें कि पिछले साल जुलाई में कांग्रेस ने सुनील जाखड़ को हटाकर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था. कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के विरोध को अनदेखा करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू को अध्यक्ष पद सौंपा था. इसके बाद तो पंजाब कांग्रेस में भूचाल ही आ गया. कैप्टन और सिद्धू के बीच आए दिन विभिन्न मामलों पर विवाद होने लगे थे. बाद में सितंबर के महीने में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देते हुए सिद्धू पर कई गंभीर आरोप लगाए थे.

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कैप्टन अमरिंदर के बाद चरणजीत चन्नी को दी गई मुख्यमंत्री की कुर्सी

इसके बाद चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बना दिया गया, लेकिन कुछ ही दिनों बाद सिद्धू के साथ उनके मतभेद भी जगजाहिर हो गए. सिद्धू की सीएम बनने की महत्वाकांक्षा पूरी नहीं हुई और वे लगातार चन्नी पर निशाना साधते रहे. इसके बाद कैप्टन ने दिसंबर में कांग्रेस पार्टी भी छोड़ दी और अपनी नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस बना ली और अब उन्होंने बीजेपी व सुखदेव ढींढसा के शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है. इधर कांग्रेस ने भी चन्नी को ही सीएम फेस घोषित किया है, इसके बाद से सिद्धू थोड़े लो प्रोफाइल हो गए हैं.

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सुनील जाखड़ के बयान पर मचा था बवाल

सुनील जाखड़ ने कांग्रेस पार्टी की आंतरिक कलह को लेकर भी चुप्पी तोड़ी है. सुनील जाखड़ का मानना है कि कांग्रेस कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर बेहतर तरीके से निपट सकती थी. सुनील जाखड़ ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पहले वादे पूरे करने को लेकर चेतावनी दी जानी चाहिए थी. जाखड़ ने माना है कि अमरिंदर सिंह के जाने से कांग्रेस कमजोर हुई. बता दें कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक पहले सुनील जाखड़ ने अपना दर्द भी बयां किया था. सुनील जाखड़ ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 42 विधायकों का समर्थन मिलने के बावजूद उन्हें सीएम नहीं बनाया गया. सुनील जाखड़ ने सीएम नहीं बन पाने की वजह खुद का हिंदू होना बताया थीॉा. सुनील जाखड़ का यह बयान पंजाब चुनाव में बड़ा मुद्दा बना था. जाखड़ के इस बयान के सामने आने के बाद विपक्षियों ने भी कांग्रेस आलाकमान को खूब घेरा था. वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी भी जब-तब कांग्रेस आलाकमान के फैसलों पर सवाल उठाते रहे हैं.