अम्रतांशी जोशी, भोपाल। मध्यप्रदेश के जूनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए हैं. इससे कई जगह ओपीडी पर भी असर पड़ा है. अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर जूनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स दो दिन से हड़ताल कर रहे हैं. सरकार लगातार ज्ञापन सौपने और संबंधित अधिकारियों से मिलने के बाद भी मांगें पूरी नहीं होने पर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स नाराज हैं. 

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जूनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स जबलपुर की मेडिकल यूनिवर्सिटी  से अलग एक आयुष विश्वविद्यालय खालने और आयुष औषधालय खोलने समेत कई मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि वो सरकार को 70 बार ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन मांगों पर कोई सकारात्मक विचार नहीं किया गया है. इस कारण प्रदेशभर में धरना प्रदर्शन के बाद हड़ताल की जा रही है.

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वहीं जूनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स चेतावनी देते हुए कहा कि अबकी बार मांग पूरी नहीं हुई तो भूख हड़ताल की जाएगी और ये तब तक जारी रहेगी, जब तक कि मांगें नहीं मानी जातीं.

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जूनियर आयुर्वेदिक डॉक्टर्स की ये हैं प्रमुख मांगें

  • आयुर्वेद इंटर्न, गृह चिकित्सक एवं स्नातकोत्तर छात्रों की शिष्यावृत्ति एलोपैथी के इंटर्न, जूनियर रेजिडेंट व स्नातकोत्तर छात्रों के समतुल्य की जाए.
  • मप्र आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय जबलपुर से आयुष शाखा को अलगकर भोपाल स्थानांतरित किया जाए.
  •  आने वाले समय में अलग से आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए.
  • लोकसेवा आयोग द्वारा आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के पदों पर प्रतिवर्ष भर्तियां की जाएं.
  • जनसंकल्प 2013 में एक हजार नए आयुष औषधालय खोलने की घोषणा की गई थी, जिसमें सिर्फ 148 ही खोले गए हैं. घोषणा के अनुसार बाकी आयुष औषधालय खोलने की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाए.

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