दिल्ली. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी यानि जेएनयू कभी अपने शानदार शैक्षणिक गतिविधियों के लिए देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में जानी जाती थी. पिछले कई दिनों से जेएनयू गलत वजहों से ही सुर्खियों में आ रही है.
इस बार भी जेएनयू एक बार फिर से खबरों में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने युवाओं को पकौड़ा बेचने की सलाह क्या दी. मोदी के आलोचकों ने उनके बयान का देशभर में पकौड़ा बेंच-बेंचकर विरोध करना शुरु कर दिया. बस जेएनयू के छात्रों ने भी मोदी के पकौड़ा बयान के विरोध में जेएनयू में पकौड़े के स्टाल लगाकर अपना विरोध दर्ज कराया.
छात्रों के इस कदम को जेएनयू प्रशासन ने अनुशासनहीनता की श्रेणी में रखा और पकौड़ा तलने के दोषी 4 छात्रों पर 20-20 हजार प्रति छात्र की दर से जुर्माना लगाया. इतना ही नहीं यूनिवर्सिटी प्रशासन ने एक छात्र को हास्टल से भी निष्कासित कर दिया. यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से जारी किए आदेश में कहा गया है कि यूनिवर्सिटी की सड़क को ब्लाक करने और जाम लगाने के कारण छात्रों व स्टाफ को होने वाली दिक्कतों के चलते आप पर ये जुर्माना लगाया जाता है. वैसे यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से ऐसा न करने के लिए भी कहा था.
भले ही इन छात्रों ने पकौड़ा बेंचकर 20 रुपये का भी मुनाफा न कमाया हो लेकिन 20 हजार का जुर्माना इनको पकौड़ा बिजनेस शुरु करने से पहले ही झेलना पड़ा. भले ही मोदी ने पकौड़ा बेचकर रोजगार करने की सलाह युवाओं को दी हो लेकिन इन छात्रों के साथ जो हुआ उसको पढ़ने के बाद शायद ही अब युवा पकौड़ा बेचने का ख्याल मन में लाएं. आखिर पहले ही दिन पकौड़ा बिजनेस में 20 हजार का घाटा कौन उठाना चाहेगा.