सुप्रिया पांडेय, रायपुर. प्रदेश में खाद की किल्लत बरकरार है, जिसकी वजह से किसानों को मजबूरी में बाजार से अधिक दाम में खाद खरीदना पड़ रहा है. खाद संकट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस एक-दूसरे पर हमलावर हैं.
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक का कहना है कि कांग्रेस की सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ के बाजारों में खाद उपलब्ध नहीं है, लेकिन सहकारी सोसायटी जहां पर किसानों को रियायत दर पर खाद मिलती है, उसका भाव ज्यादा है. किसानों को ज्यादा दाम में खाद खरीदने पर मजबूर होना पड़ रहा है, जिससे किसानों का शोषण हो रहा है और उन्हें नुकसान भी हो रहा है. खाद के मामले में सरकार गंभीर नहीं है, ये केवल आरोप लगाते हैं.
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खाद मामले में कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने केंद्र से जितने खाद की मांग की थी, उस पर केंद्र ने 45 फ़ीसदी की कटौती की है. केंद्र ने जितनी स्वीकृति दी थी, उसकी आपूर्ति भी नहीं की. किसानों की परेशानी से राज्य सरकार अवगत है. प्रदेश गोमूत्र के माध्यम से कीटनाशक और गोबर के जरिए रासायनिक खाद उर्वरक प्रदान करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है.
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