शरद पाठक, छिंदवाड़ा। यूक्रेन और रूस के विवाद का असर बड़ी संख्या में यूक्रेन में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों पर भी पड़ा है. छिंदवाड़ा से भी कई छात्र यूक्रेन में जाकर पढ़ाई कर रहे हैं. पहले छिंदवाड़ा के सिर्फ 3 छात्र यूक्रेन में फंसे होने की जानकारी मिली थी, लेकिन अब यह संख्या बढ़ती जा रही है. यूक्रेन के सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस कर रही पीपला नारायण गांव की लड़की इशीका सरकार ने एक वीडियो जारी कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है. वहीं, युद्ध के बीच फंसी बेटी को लेकर छात्रा के माता-पिता भी बेहद परेशान और चिंतित हैं.
वीडियो में इशिका ने बताया कि सुमी यूनिवर्सिटी रशिया बॉर्डर के बिल्कुल पास में है और उनका बॉर्डर क्रॉस करना नामुमकिन है. क्योंकि रास्ते पर बमबारी होने के कारण पुल आदि टूट चुके हैं. ऐसे में सरकार की मदद के बिना उनका वहां से बाहर निकलना संभव नहीं है. इशीका ने बताया कि यहां की हालत बदतर होती जा रही है, उन लोगों को बार-बार बंकर में शिफ्ट कर दिया जाता है. वहां पर खाने की सामग्री, इलेक्ट्रिसीटी और नेटवर्क की समस्या भी हो सकती है. इशीका कहना है कि भारतीयों की स्थिति यूक्रेन में बहुत दयनीय हो गई है.
इशिका के पिता पेशे से चिकित्सक है और इशिका की सुरक्षा को लेकर चिंता में हैं. इशिका के पिता ने बताया कि उनकी लगातार अपनी बेटी से बात हो रही है. वहां पर सरकार द्वारा कोई व्यवस्था नहीं की गई है. इशिका का परिवार एंबेसी से भी संपर्क कर रहा है, लेकिन अभी तक कोई ठोस नतीजा निकल कर सामने नहीं आया है. इशिका के पिता ने सरकार से बेटी को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है.
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