आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी पर बन रहे पुल का विरोध एक बार फिर से शुरू हो गया है. मंगलवार को सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पुल के पास पहुंचकर नारेबाजी करते हुए विरोध शुरू कर दिया. ग्रामीणों की भीड़ को देखते हुए बड़ी संख्या में तैनातच सुरक्षाबल के जवान समझाइश देते हुए वापस लौटने को कह रहे हैं.
इंद्रावती नदी पर बीजापुर और दंतेवाड़ा की सीमाई क्षेत्र फुंडरी में पुल निर्माण किया जा रहा है. जिसका ग्रामीण लगातार विरोध कर रहेहैं. मंगलवार को सतवा, बांगोली समेत अबूझमाड़ इलाके के सैकड़ों ग्रामीण निर्माणाधीन पुल के पास पहुंचकर विरोध शुरू कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि इंद्रावती नदी पर पुल बनने से उनकी मुश्किलें और बढ़ जाएगी. फोर्स गांव में घुसकर ग्रामीणों को परेशान करेगी. झूठे मामलों पर ग्रामीणों को फंसाया जाएगा. एनकाउंटर में ग्रामीणों को मारा जाएगा.
ग्रामीणों की मांग है कि इंद्रावती नदी पर निर्माणधीन पुल का काम तत्काल रोक दिया जाए. इसके स्थान पर नदी पार के गांवों में स्कूल और आश्रम की व्यवस्था करवाए. पुल का जब तक निर्माण कार्य नहीं रोका जाता है, तब तक ग्रामीणों ने इसी तरह आंदोलन में डटे रहने की बात कही.
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बता दें कि इंद्रावती नदी पर कुल चार पुल प्रस्तावित थे, जिनमें से एक दंतेवाड़ा जिले के पाहुरनार में बने पुल का हाल ही में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उद्घाटन किया था. इसके अलावा बड़े करका घाट, फुंडरी समेत एक अन्य जगह पुल निर्माण का काम चल रहा है. उम्मीद की जा रही है कि इस साल के अंत तक इन जगहों पर भी पुल निर्माण का काम पूरा कर लिया जाएगा. इंद्रावती नदी पर पुल नहीं होने की वजह से ग्रामीण लकड़ी की छोटी डोंगी से इंद्रावती नदी को पार करते हैं.
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