चंडीगढ़। भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने साफ किया है कि बोर्ड के मौजूदा सदस्यों को बाहर नहीं किया जा रहा है और पहले की तरह ही सचिव, पावर और सचिव, सिंचाई के पदों पर पंजाब और हरियाणा की स्थायी सदस्यता कायम रहेगी. बोर्ड ने साफ कर दिया कि बोर्ड के मौजूदा सदस्यों में भी कोई फेरबदल नहीं किया जा रहा और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के अलावा किसी भी बाहरी राज्य को सदस्य के तौर पर अवसर नहीं दिया जाएगा. बोर्ड का कहना है कि सदस्यों की केवल तकनीकी योग्यता में ही बदलाव किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा बीबीएमबी से पंजाब और हरियाणा की स्थायी सदस्यता समाप्त किए जाने संबंधी अधिसूचना सार्वजनिक होने पर दोनों राज्यों में यह मुद्दा गरमा गया है. पंजाब के विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्च खोलते हुए इसे पंजाब के विरुद्ध बदले की कार्रवाई करार दिया है.

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बीबीएमबी का कहना है कि हाल ही में अधिसूचित किए गए नियम द्वारा केवल पावर और सिंचाई के कार्यरत सदस्यों के लिए आवश्यक तकनीकी योग्यता को उल्लेखित किया गया है. नियमों का यह बदलाव भी पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से जगमोहन सिंह बनाम केंद्र सरकार व अन्य, याचिका पर दिए निर्देशों का पालन है. इससे बीबीएमबी के ढांचे में कोई फेरबदल नहीं होगा. किसी पूर्व सदस्य को न तो निकाला जाएगा और न ही नए सदस्य बोर्ड में जोड़े जाएंगे. बोर्ड का कहना है कि चारों मौजूदा सदस्य का प्रतिनिधित्व पहले की तरह समान प्रतिनिधित्व के साथ सुरक्षित है. इसके अलावा पहले से तय प्रतिशत के अनुसार ही सदस्य राज्यों को बिजली और सिंचाई के रूप में मिल रहे लाभ भी मिलते रहेंगे.

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दरअसल, केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने 23 फरवरी को भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (संशोधन) नियम-2022 लागू किया है, जो भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड नियम 1974 की जगह लेगा. इस संबंध में केंद्रीय मंत्रालय ने अधिसूचना भी जारी कर दी है, जिसके तहत बीबीएमबी से पंजाब और हरियाणा दोनों राज्यों की स्थायी सदस्यता समाप्त हो गई है. पुराने नियम के तहत बीबीएमबी का सदस्य, पावर पंजाब से और सिंचाई, सदस्य हरियाणा से होता था, लेकिन संशोधित नियम के बाद यह अनिवार्य नहीं रह गया है. पंजाब और हरियाणा की जगह अन्य राज्यों से भी सदस्य लिए जा सकेंगे. इसी बात का विरोध हो रहा है.