नई दिल्ली। यूक्रेन में भारतीय दूतावास द्वारा एडवाइजरी जारी किए जाने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिक युद्धग्रस्त यूक्रेन को उसकी विभिन्न सीमाओं के रास्ते छोड़ चुके हैं। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “अब हमारा अनुमान है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह में हमारी सलाह जारी होने के बाद से लगभग 17,000 भारतीय नागरिकों ने यूक्रेन की सीमाओं को छोड़ दिया है।”
उन्होंने आगे कहा कि कीव में दूतावास को भारतीय नागरिकों द्वारा सीमा पार करने की सुविधा के लिए लवीव में एक अस्थायी कार्यालय स्थापित करने के लिए कहा गया है।
बागची ने कहा कि भारतीय पासपोर्ट खोने वालों को आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी करने के लिए एक तंत्र स्थापित किया गया है, जिससे कई भारतीय छात्रों को मदद मिलेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि “इस उद्देश्य के लिए हमारी दूतावास टीम का पर्याप्त खंड अब लवीव में है।”
बागची ने कहा, “हम वहां फंसे नागरिकों को निकालने में सहायता के लिए पूर्वी यूक्रेन पहुंचने के विकल्प तलाश रहे हैं। हम देख रहे हैं कि क्या हमारी टीमें वहां पहुंच सकती हैं? यह आसान नहीं है, क्योंकि रास्ता हर समय खुला नहीं रहता है।”
उन्होंने पंजाब के बरनाला के एक भारतीय छात्र चंदन जिंदल की मौत पर भी गहरा शोक व्यक्त किया, जिसकी यूक्रेन में प्राकृतिक कारणों से मौत हो गई।
बागची ने कहा कि भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी कर भारतीय नागरिकों से स्थानीय समय शाम छह बजे तक खार्किव छोड़ने का आग्रह किया। है। छोड़ने के लिए उन्हें पैदल सहित कोई भी तरीका अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने रूसी पक्ष से इनपुट के आधार पर यह सलाह जारी की है। हमने समय नहीं चुना है। हमने स्थान नहीं चुना है।”