नई दिल्ली। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के गंभीर प्रयासों के चलते शहरों में दिल्ली आज प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में पूरे देश में पहले स्थान पर आ गया है. दिल्ली में 2013 में ग्रीन क्षेत्र 20 फीसदी था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के अनुसार, देश के प्रमुख शहरों में शामिल दिल्ली का प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर 9.6 फीसदी है, जबकि अहमदाबाद का 1.2, बैंगलुरू का 7.2, चेन्नई का 2.1, हैदराबाद का 8.2, कोलकाता का 0.1 और मुम्बई का 5.4 फीसदी है. वहीं, शहरी क्षेत्र में कुल एरिया का 20 फीसदी ग्रीन क्षेत्र होना चाहिए.

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फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट देहरादून ने दिल्ली में 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में हुए वृक्षारोपण की ऑडिट रिपोर्ट सौंप दी है. इसके अनुसार, दिल्ली में 2016-17, 2017-18 और 2018-19 में हुए वृक्षारोपण में पौधों के जिंदा रहने की दर 75 से 80 फीसदी है.
वहीं, 2021-22 में दिल्ली को 31 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य मिला था और अब तक हमने 32 लाख से ज्यादा पौधे लगा दिए हैं. अगले वर्ष होने वाले वृक्षारोपण के लिए मिट्टी जांच की जाएगी और उसी के अनुसार पौधारोपण किया जाएगा.

 

फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के तय मानक से भी ज्यादा है दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र- गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि वन विभाग समेत अन्य विभागों द्वारा किए जा रहे वृक्षारोपण का परिणाम हमारे सामने है. दिल्ली के अंदर हमारा ग्रीन कवर बढ़ा है. फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया ने देश के अंदर शहरी और पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रीन बेल्ट के औसत को लेकर मानक तय किया है. इसके अनुसार, शहरी क्षेत्रों में कुल एरिया का 20 फीसदी ग्रीन बेल्ट होना चाहिए. दिल्ली का क्षेत्रफल 1484 वर्ग किलोमीटर है. इसके अनुरूप हमारा 20 फीसदी ग्रीन बेल्ट होना चाहिए. हर दो साल बाद ग्रीन बेल्ट को लेकर रिपोर्ट आती है. 2013 में दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र 20 फीसद था, जबकि 2015 में ग्रीन क्षेत्र बढ़कर 20.21 फीसदी हुआ. इसी तरह 2017 में 20.59 फीसदी 2019 में 21.88 फीसद हुआ और 2021 की सार्वजनिक की गई रिपोर्ट के अनुसार 23.06 फीसदी ग्रीन क्षेत्र है. इस तरह, फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा तय किए गए मानक से भी ज्यादा इस समय दिल्ली में ग्रीन क्षेत्र विकसित हो गया है. कुछ दिन पहले मीडिया में फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट प्रकाशित है. जिसमें बताया गया है कि देश के प्रमुख शहरों अहमदाबाद, बैंगलूरू, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता और मुम्बई में प्रति व्यक्ति कितना फारेस्ट कवर होना चाहिए. इस रिपोर्ट के अनुसार, पूरे देश के प्रमुख शहरों में दिल्ली फॉरेस्ट कवर के मामले में पहले स्थान पर आ चुकी है. वर्तमान में अहमदाबाद का प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर 1.2 फीसदी है, बैंगलुरू का 7.2 फीसदी, चेन्नई का 2.1 फीसदी, दिल्ली का 9.6 फीसदी, हैदराबाद का 8.2 फीसदी, कोलकाता का 0.1 फीसदी और मुम्बई का 5.4 फीसदी फॉरेस्ट कवर है. इस तरह प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा फॉरेस्ट कवर दिल्ली में विकसित हो चुका है.

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दिल्ली को प्रदूषण के संकट से बचने के लिए हमें अपने ग्रीन कवर को और बढ़ाना है- गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार और सभी एजेंसियों ने मिलकर पिछले कुछ सालों में जो मेगा पौधारोपण अभियान चलाया है, उसका परिणाम यह है कि आज पूरे देश में फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली नंबर वन हो गया है. ग्रीन कवर का राष्ट्रीय पैरामीटर है, उससे लगभग 3 फीसद ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में है. इस साल भी केंद्र सरकार ने हमें वृक्षारोपण का जो लक्ष्य दिया था, अभी तक उससे ज्यादा लक्ष्य हासिल कर चुके हैं और मुझे उम्मीद है कि 15-20 दिनों में सभी विभाग बचे लक्ष्य को पूरा कर लेंगे. मेरी दिल्ली के लोगों से अपील है कि हमारा ग्रीन कवर ज्यादा है, लेकिन दिल्ली की भौगोलिक स्थिति की वजह से खासकर जाड़े के मौसम में प्रदूषण का संकट आता है. इस संकट से बचने के लिए हमें अपने ग्रीन कवर को और बढ़ाना है. हमने एक और निर्णय लिया है कि अब अगले वर्ष में होने वाले वृक्षारोपण अभियान के लिए मिट्टी की जांच भी शुरू करेंगे कि किस एरिया में मिट्टी की क्या गुणवत्ता है और उस मिट्टी में किस तरह के पौधे ज्यादा जिंदा रह सकते हैं. हम चाहते हैं कि वर्तमान में पौधों के जिंदा रहने की दर है, उसको और बढ़ाया जाए. विभाग ने निर्णय लिया है कि मिट्टी की गुणवत्ता की जांच करेंगे और उसी के अनुसार उस एरिया में पौधारोपण करने को बढ़ावा देंगे.