कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में महुआ के फूल से बनने वाली शराब के लिए सरकार हेरिटेज मदिरा नीति 2022 पर मंथन कर रही है। इसे लेकर आज वाणिज्य कर विभाग ने इस नीति का प्रस्तुतीकरण गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल समूह की बैठक में किया। अब इस नीति की अमल आने के पहले एमपी में सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है।
कांग्रेस का कहना है कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों के विकास की बात का दावा करने वाली सरकार क्या शराब के जरिए ही उनको आगे बढ़ा सकती है। प्रदेश में शराब के चलते हजारों मौतें हो जाती है लेकिन फिर भी सरकार का शराब के प्रति प्रेम कम होता नजर नहीं आ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती सहित ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर शराब बंदी को समर्थन दे चुके हैं फिर भी सीएम शिवराज सिंह शराब बेचने से दूरी नहीं बना पा रहे हैं। सीएम का शराब प्रेम इतना हावी हो चुका है कि जब समर्थन देने वाले मंत्रियों से सवाल किए जाते हैं तो वह कांग्रेस पर ठीकरा फोड़ने लगते हैं। हकीकत तो यह है कि यदि कमलनाथ की 5 साल सरकार रहती तो शराबबंदी पर तेजी से काम किया जाता और प्रदेश को विकसित प्रदेश बनाया जाता।
वहीं इस मामले पर ऊर्जा मंत्री प्रदुमन सिंह तोमर का कहना है कि मध्यप्रदेश सरकार शराबबंदी पर लगातार काम कर रही है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सीएम शिवराज ने इस बार एक भी शराब की दुकान में वृद्धि नहीं की है। कांग्रेस पहले अपने 15 महीने की सरकार का हिसाब किताब दें कि उसने शराबबंदी को लेकर क्या कदम उठाए थे। ऐसे में कांग्रेस के सभी आरोप झूठे हैं।
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