राजनांदगांव. मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता हौसलों से उड़ान होती है. खुशबू बनकर गुलों से उड़ा करते हैं, धुंआ बनकर पर्वतों से उड़ा करते है, हमें क्या रोके ये जमाने वाले, हम परों से नहीं हौसलों से उड़ा करते है.

राजनांदगांव जिले की स्व.सहायता समूह की महिलाओं पर यह कविता सार्थक हो रही है. घरेलू काम में व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब घर से बाहर निकलकर व्यवसाय का संचालन कर रही हैं. ये महिलाएं गौठानों में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर स्वावलंबन की मिसाल पेश करते हुए नया आयाम स्थापित कर रही है. जिले में स्व.सहायता समूहों की महिलाओं ने जज्बा दिखाते हुए बैंकों से 107 करोड़ 75 लाख रूपए ऋण लेकर आर्थिक गतिविधियों के लिए विभिन्न मशीनरी स्थापित की और व्यावसायिक गतिविधियों में संलग्र होकर सशक्तिकरण की दिशा में नई कहानी गढ़ रहीं हैं. इससे महिलाएं लाभ प्राप्त कर अपने ऋणों का भुगतान बैंकों को कर रही है और स्वयं आत्मनिर्भर होकर परिवार का सहारा बन रहीं है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने जिले के गांवों के गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में स्थापित करने की पहल प्रारंभ की. जिसमें प्रशासन के सहयोग से जिले की महिलाओं ने इस वर्ष प्रदेश में सर्वाधिक 107 करोड़ 75 लाख रूपए ऋण प्राप्त करते हुए विभिन्न मशीनरी स्थापित कर आर्थिक गतिविधियां प्रारंभ की. इन गतिविधियों से अब महिलाएं सशक्त हो रही है. गौठान अब रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित हो रही है. जिससे महिलाएं अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही है. शासन महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रही हैं. वहीं प्रशासन ने समूह द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय के लिए बाजार उपलब्ध कराया है. उत्पादित सामग्री स्कूल, छात्रावास, आंगनबाड़ी केन्द्रों सहित बाजारों में विक्रय किया जा रहा है. जिससे समूह की महिलाओं द्वारा उत्पादित सामग्री आसानी से विक्रय हो रही है.

जिले में स्व.सहायता समूह का बैंक लिंकेज

स्व.सहायता समूह की महिलाएं बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण प्राप्त कर जिले में व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर रही है. वित्तीय वर्ष 6 हजार 557 स्वसहायता समूह की महिलाओं ने 107 करोड़ 75 लाख रूपए ऋण लिया है. यह निर्धारित लक्ष्य के 133 प्रतिशत है. जो पूरे प्रदेश में सर्वाधिक है. वित्तीय वर्ष में स्व.सहायता समूहों को लगभग 120 करोड़ रूपए तक बैंक ऋण प्राप्त हो सकेगा. योजना अंतर्गत स्व.सहायता समूहों के लिए 80 करोड़ 74 लाख रूपए बैंक ऋण लिंकेज उपलब्ध कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. स्व.सहायता समूहों को प्रदान बैंक ऋण के विरूद्ध एनपीए का प्रतिशत केवल 3.09 प्रतिशत है. जो राज्य में स्व.सहायता समूह को प्रदाय बैंक ऋण के विरूद्ध एनपीए से भी कम है. पिछले वित्तीय वर्ष स्व.सहायता समूह की महिलाओं ने 94 करोड़ 48 लाख रूपए का ऋण लिया था. जिले में अब तक 16 हजार 674 स्व.सहायता समूहों को लगभग 380 करोड़ रूपए बैंक लिंकेज के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया गया है. जिसमें स्व.सहायता समूहों द्वारा 265 करोड़ रूपए ऋण का भुगतान बैंक को कर दिया गया है. शेष बैंक ऋण योजना के अनुसार वापस किया जा रहा है.

जिले की स्व.सहायता समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर बनाई अपनी पहचान

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की नीति सफल हुई है. महिलाओं ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. जिले के स्व.सहायता समूह को राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है. महिलाएं गौठानों से जुड़कर आर्थिक गतिविधियां संचालित कर रही है. इस वर्ष डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम सोनेसरार की आस्था संकुल संगठन की स्व.सहायता समूह को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विज्ञान भवन दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.

स्व.सहायता समूह की महिलाओं की गौठानों में आर्थिक गतिविधियां

जिले के गौठान अब औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित हो रही है. जहां महिलाएं विभिन्न आर्थिक गतिविधियां के माध्यम से स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ रही है. गौठान में लगभग 688 स्व.सहायता समूह की महिलाएं गौठानों से जुड़कर विभिन्न उत्पाद तैयार कर रही है. इनमें मसाला, हर्बल गुलाल, चंदन, फिनाईल, साबुन, बड़ी, पापड़, आचार, मुर्गी पालन, बकरी पालन, मछली पालन, मशरूम उत्पादन, बांस हस्तशिल्प वस्तु निर्माण, तार फैंसिंग, सीमेंट पोल निर्माण, सब्जी उत्पादन, वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर रहीं हैं. गौठानों में मशीनरी स्थापित करने के लिए समूहों को बैंकों से जोड़ा गया है.

स्व.सहायता समूह की महिलाएं प्रशिक्षण प्राप्त कर अन्य जिलों में दे रही सेवाएं

स्व.सहायता समूह की महिलाओं को छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ के अंतर्गत प्रशिक्षण और क्षमता विकास कार्यक्रमों के माध्यम से सशक्तिकरण किया जा रहा है. ग्रामीण महिलाएं राजनांदगांव के साथ-साथ अन्य जिलों में भी जाकर प्रशिक्षण और स्व.सहायता समूहों का गठन करने में सहयोग दे रहीं हैं. जिले में बिहान योजना अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों से लगभग 1 लाख 95 हजार महिलाएं 17 हजार 914 स्व.सहायता समूह से जुड़ कर आर्थिक गतिविधियां कर रहीं हैं. जिससे वे आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बन रहीं हैं.

बैंक सखी सुदूर वनांचल क्षेत्रों सहित सभी विकासखंडों में दे रही बैंकिंग सेवाएं

महिलाएं अब बैंकिंग क्षेत्रों में भी कार्य करते हुए जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्रों में भी सेवाएं दे रही है. इसके अंतर्गत 147 बैंक सखी ग्राम स्तर पर जनसामान्य को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध करा रही है. बैंक सखी मनरेगा मजदूरी, पेंशन, किसान सम्मान निधि, राशि आहरण और निकासी, राशि अंतरण जैसी सुविधाएं देने का कार्य कर रही है. महिलाएं एक ओर जहां जनसामान्य को बैंकिंग सुविधा दे रही हैं, वहीं स्वयं आत्मनिर्भर बन रही है. अब तक बैंक सखियों द्वारा लगभग 195 करोड़ रूपए से अधिक की राशि का अंतरण किया गया है.