न्यामुद्दीन अली, अनूपपुर/ रेणु अग्रवाल, धार। हालातों से लड़ने की ताकत या मन में कुछ करने का जज्बा हो तो न तो आर्थिक हालात आड़े आते हैं और न ही उम्र का कोई बंधन.. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है अनुपपुर जिले लेडी एल्गिन राजकुमारी ने.. जो 10 साल पहले पति के गुजर जाने के बाद से रेलवे स्टेशन में कुली का काम कर अपना और अपने परिवार का पेट पाल रही है. राजकुमारी ने अपने आंसुओं को अपनी ताकत बनाया. हार न मानने का इरादा लेकर वे आगे बढ़ीं, नतीजा वे अपने बेहतर भविष्य को लेकर आगे बढ़ रही है.
राजकुमारी सतनामी अनूपपुर जिले के जमुनिहा गांव की रहने वाली है. उनके पति राम कुमार सतनामी अनूपपुर रेलवे स्टेशन पर कुली थे. जिंदगी की गाड़ी ठीक-ठाक चल रही थी, लेकिन 2012 में अचानक हार्ट अटैक से राम कुमार की मौत हो गई, तो परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. घर में वही एक अकेले कमाने वाले थे. पति की मौत के बाद राजकुमारी के कंधों पर बच्चों की जिम्मेदारी आ गई. तब राजकुमारी ने तय किया कि वह अपने पति की जगह पर कुली का काम करेगी. एक दुबली पतली महिला जिस पर अपने छोटे बच्चों की जिम्मेदारी थी. बोझ उठाने का काम कैसे करेगी? पचास-साठ किलो का वजन कैसे उठाएगी? सवाल वाजिब थे. फिर भी राजकुमारी ने हार नहीं मानी और वह परिवार का बोझ कम करने के लिए दूसरों का बोझ उठाने लगी.
कुली का काम करने से होने वाली कमाई से राजकुमारी अपने घर का खर्चा भी चलाती है और बच्चे की शिक्षा से लेकर उनकी परवरिश भी करती है. हालांकि राजकुमारी को इस बात का मलाल है कि उसकी कमाई इतनी नहीं है कि वो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिला सके.
अब बात धार की ललिता बाई की…
बात धार जिले की अर्जुन कॉलोनी में रहने वाली ललित बाई की.. जो अगस्त 2021 में 2 लड़कियों का रेस्क्यू कर चाइल्ड लाइन और पुलिस की सहायता से मानव तस्कर गिरोह के 3 आरोपी को सलाखों के पीछे भिजवाया.
दरअसल, छत्तीसगढ़ की एक युवती और उसकी नाबालिग बहन को पड़ोस में रहने वाली महिला नौकरी का झांसा देकर ले धार आई थी और यहां अर्जुन कॉलोनी में एक कमरे में दोनों को बंधक बनाकर महिला के दो दोस्त उनके के साथ मारपीट कर उनका शारीरिक शोषण कर रहे थे. इसी दौरान पास ही में रहने वाली ललिता बाई को इस घटना की जानकारी लगी तो उसने नाबालिग की बहन से मौका देख कर बात की. इस दौरान पीड़िता ने ललिता बाई को पूरा घटनाक्रम बताया और मदद की गुहार लगाई. जिसके बाद ललिता बाई ने चाइल्डलाइन और थाने में सूचना दी. इतना ही नहीं साथ जाकर केस भी दर्ज करवाया. साथ ही नाबालिग बालिका और उसकी बहन को उनके परिजनों से मिलवाने में मदद भी की. ललिता ने परिजन के आने तक उन्हें खुद के घर में रखा. इधर, शिकायत मिलने पर पुलिस ने केस दर्ज कर महिला और उसके दोनों दोस्तों को गिरफ्तार कर लिया.
ललिता की साहस देखकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में ललिता बाई को सम्मानित भी किया था. वहीं महिला ललिता बाई ने कहा कि उन्होंने एक नेक कार्य किया है जब भी वह मारपीट की आवाज सुनती है तो उन्हें बहुत गुस्सा आता है और जब नाबालिग की बहन ने उन्हें घटनाक्रम बताया तो उन्होंने चाइल्ड हेल्प लाइन और पुलिस की मदद से युवतियों को बचाया. ललिता बाई कहती है कि यदि वह लड़कियों को नहीं बचाती तो आरोपी बच्चियों को बेच देंते.
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