यशवंत साहू, भिलाई। बीएसएफ छत्तीसगढ़ के आईजी एसके त्यागी ने कामतेड़ा में नये कैम्प की स्थापना को लेकर बड़ी बात कही है. उन्होंने कहा कि कैंप की स्थापना से इलाके में माओवादियों की गतिविधियों में अवरोध उत्पन्न हुआ है, जो उनके माढ एरिया, एमएमसी और राजनांदगांव जाने का प्रमुख रास्ता है. इसलिए नये कैंप का विरोध करने माओवादी आसपास के ग्रामीणों को उकसा रहे हैं.
बीएसएफ के छत्तीसगढ़ आईजी एसके त्यागी ने पत्रकार से चर्चा की. उन्होंने बताया कि सीमा सुरक्षा बल 2009 से छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नक्सल विरुद्ध अभियान में तैनात है, और दुर्गम क्षेत्रों में बड़ी कठिन परिस्थितियों में अपनी ड्यूटी को बड़े ही निपुणता के साथ निभा रही है. जिला कांकेर के दूरदराज व अति संवेदनशील इलाके में आजादी के बाद वर्षों तक सड़क निर्माण का कार्य नहीं हुआ था.
कोयलीबेड़ा में दूर किया आदिवासियों का भय
आईजी ने बताया कि सुरक्षा बल की कार्य क्षमता को देखते हुए अतिसंवेदनशील इलाके सीओबी उदानपुर, थाना कोयलीबेड़ा जिला कांकेर से लगभग 35 किमी पश्चिम दिशा में घने जंगल में स्थित गांव कामतेड़ा में नई चौकी बनाकर 29 नवंबर, 2020 को जवानों को तैनात किया. जहां के आदिवासी ग्रामीण लोग नक्सलियों के दबाव तथा भय के कारण शिक्षा एवं विकास से वंचित है. सुरक्षा बल ने यहां अपनी चौकी बनाकर ग्रामीण आदिवासी लोगों के दिल में नक्सलियों का भय तथा उनका दबाव को दूर करने का प्रयास कर रही है. कांकेर जिला के थाना कोयलीबेड़ा इलाके को माओवादियों का गढ़ माना जाता है.
कैंप से बढ़ा लोगों में उत्साह
आईजी त्यागी ने बताया कि चारों तरफ घने जंगल से घिरे हुए एवं नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाले इलाकों की जिम्मेदारी लेकर सुरक्षा बल ने अपने उच्च दर्जे के प्रशिक्षण तथा कुशल कार्यक्षमता की पहचान दी है. इससे वहां आसपास गांव के लोगों में उत्साह बढ़ा है. सुरक्षा बलों के नए केम्प की स्थापना होने से आसपास के गांवों जैसे आदिवासी बहुल इलाके में विकास की रफ्तार तेज होगी, जो वर्तमान में माओवादियों का सुरक्षित ठिकाना है.
इसे भी पढ़ें : चिटफण्ड कंपनी के 7 आरोपियों को बिलासपुर पुलिस ने किया गिरफ्तार
सुरक्षित महसूस कर रहे हैं ग्रामीण
कामतेड़ा में नये कैम्प की स्थापना से इलाके में विकासात्मक कार्य में वृद्धि हुई है, और आसपास के ग्रामीण अपने आपको सुरक्षित महसूस कर रहे हैं. सीमा सुरक्षा बल द्वारा कोयलीबेड़ा से पखाजुर तक लगभग 13 किमी की पक्का सड़क निर्माण का कार्य पूर्ण हो चुका है. दोनों तरफ पुलिया निर्माण का कार्य प्रगति पर है. कोयलीबेड़ा, पखांजूर से भानुप्रतापुर जाने के लिए पहले लगभग 130 किमी की दूरी सफर तय करना पड़ता था. इलाके में सड़क और पुल का निर्माण हो जाने से स्थानीय लोगों को लगभग 42 किमी का सफर तय करना पड़ेगा. इससे लगभग 90 किमी अंतर पड़ जाएगा. इससे स्थानीय लोगों को आने-जाने में समय और सफर की बचत हो जाएगी.
इसे भी पढ़ें : CG Budget : हिन्दी माध्यम में भी खुलेंगे स्वामी आत्मानंद विद्यालय…
सुरक्षा बल की निगरानी में सड़क निर्माण
उन्होंने बताया कि सुरक्षा बल अपनी सुरक्षा निगरानी में सड़क निर्माण का कार्य पूरा कराया. इससे वहां के ग्रामीण लोगों को छोटे शहर के साथ जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ. सुरक्षा बल की तैनाती से पहले कांकेर जिला क्षेत्र में नक्सलियों का आतंक और भय व्याप्त था. सुरक्षा बल ने क्षेत्र से नक्सलियों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई कर लोगों के मन में सुरक्षा की भावना पैदा की. इस कार्य में सुरक्षा बल के अधिकारी व जवानों के साथ-साथ सुरक्षा बल की खुफिया विभाग की अहम भूमिका रही है.
- छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक
- मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक