इस्लामाबाद। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के रुझानों से स्पष्ट हो गया है कि योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में एक बार फिर भाजपा बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है. इसकी केवल उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब तक ही नहीं बल्कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में भी चर्चा हो रही है. एक्जिट पोल के साथ की माहौल में आई गर्माहट अब सोशल मीडिया में चरम पर है.

पाकिस्तान के राजनीतिक विश्लेषक मोशरफ जैदी ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी में योगी आदित्यनाथ की जीत इस बात की एक और पुष्टि है कि भारत अब (हिंदुत्व की राजनीति से) अपना रास्ता बदलने वाला नहीं है. आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होगी. कई लोग इस बारे में पहले से चेतावनी भी दे रहे थे. पाकिस्तान को 2019 के बाद वाले भारत की तुलना में अधिक दुस्साहसी भारत से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.’

इस पर वकास अहमद ट्विट करते है कि ‘एक और समस्या है. अगर अतिवाद बढ़ता है तो ये दक्षिण एशिया के बाकी हिस्सों में फैल जाएगा. हमने हाल ही में देखा है कि कैसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर मुकदमा चलाया गया. ये सब जगह फैल जाएगा और अल्पसंख्यकों को बेहद मुश्किल परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा.’

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फिडाटो नाम के पाकिस्तान के ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, ‘यूपी चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत के बाद मुस्लिम विरोधी योगी आदित्यनाथ ने नरेंद्र मोदी के संभावित उत्तराधिकारी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत कर ली है.’

हम नामक पाकिस्तान के एक ट्विटर अकाउंट से लिखा कि ‘फासीवाद की जिंदगी ज्यादा दिन की नहीं होती.’ शावैज खान नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘ये बेहद स्पष्ट हो गया है कि कायदे आजम (मोहम्मद अली जिन्ना) एक दूरदर्शी नेता थे. वो ये सब देख सकते थे. अल्लाह का शुक्रिया जो हमारे पास पाकिस्तान है और हमें ऐसे लोगों के शासन में नहीं रहना पड़ रहा है.’

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रूबा नाम की एक यूजर ने लिखा, ‘भारतीय मुसलमानों के लिए यह सबसे बुरी खबर है. मैं पाकिस्तान और जिन्ना का जितना शुक्रिया अदा करूं, कम है. और शुक्रिया मेरे परिवार का भी, जो पलायन कर यहां आ गया.’