सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। जिले में चाइल्डलाइन 1098 का संचालन करने वाली स्वयंसेवी संस्था मानव संसाधन संस्कृति विकास परिषद पर पूर्व कर्मचारियों ने लापरवाही व अनियमितता का आरोप लगाया है. संस्था से निकाले गए कर्मचारियों ने कलेक्टर को लिखित में शिकायत भेजी है, जिसके बाद संस्था के संचालक ने आरोप को निराधार बताते हुए बयान जारी किया है.
देखरेख व संरक्षण की जरूरत रखने वाले 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को सहायता प्रदान के ध्येय से जिले में स्वयंसेवी संस्था मानव संसाधन संस्कृति विकास परिषद द्वारा चाइल्डलाइन 1098 का संचालन पूरे बलरामपुर जिले में किया जाता है. संस्था से निकाल गए कर्मचारियों के आरोपों पर संस्था के संचालक मनोज भारती ने बताया कि संस्था पिछले 25 वर्षों से सरगुजा संभाग में कार्यरत है, और 100 से अधिक कर्मचारी संस्था में कार्यरत हैं. केवल बलरामपुर के 4 कर्मचारी ही आरोप लगा रहे हैं, जो पूरी तरह से निराधार हैं, और इसकी जांच कराई जा सकती है.
संस्था में कार्य करते लड़ा चुनाव
उन्होंने बताया कि बलरामपुर चाइल्ड लाइन में समन्वयक पद पर कार्य कर रहे बसंत विश्वास को संस्था से हटाया गया था. इन्होंने संस्था में कार्य करने के दौरान चुनाव लड़ा था, जिसके बाद दो-तीन वर्षों से बगैर सूचना के पंचायत मेंबर की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसकी सूचना मिलने पर संस्था ने हटाया गया है. चूंकि चाइल्ड लाइन में कार्य करने के दौरान कोई भी कर्मचारी न चुनाव लड़ सकता है, न किसी अन्य जगह नौकरी कर सकता है.
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लगातार गिर रही प्रकरणों की संख्या
उन्होंने बताया कि बलरामपुर चाइल्ड लाइन में लगातार प्रकरणों की संख्या गिरती जा रही थी. सुधार के लिए दबाव बनाए जाने पर खुद समन्वयक संस्था के खिलाफ अनर्गल शिकायतें करने लगा. वहीं तीन अन्य कर्मचारियों को भी संस्था के गाइडलाइन का पालन न करने व मंथली मीटिंग में न आने की नोटिस दी गई थी, लेकिन फिर भी कोई सुधार नहीं होने पर उन्हें संस्था से पृथक करना पड़ा.
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क्या कहा कलेक्टर ने
मामले में कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि शिकायत मुझे प्राप्त हुई है. 1098 चाइल्ड लाइन जो हमारे जिले में संचालित हैं उसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. मैं तत्काल महिला बाल विकास अधिकारी के माध्यम से प्रत्येक पहलुओं की जांच कराउंगा. तथ्य के आधार पर कार्रवाई निश्चित तौर पर की जाएगी. शासन की योजनाओं में जो भी स्वयंसेवी संस्था कार्य कर रहे हैं, वह शासन के मंशा अनुरूप कार्य करें, अन्यथा पूरे संचालक मंडल पर जांच के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.
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