कानपुर. यूपी के कानपुर में कमिश्नर की नौकरी छोड़कर भाजपा की टिकट से विधायक बने असीम अरूण ने एक शानदार कदम उठाया है. उनकी इस पहल की जमकर तारीफ की जा रही है. कन्नौज के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक असीम अरूण ने आलाकमान को पत्र लिखकर दी गई सुरक्षा को लौटाने की बात कही है. उनका यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के ठीक एलान बाद आईपीएस असीम अरुण को लेकर बड़ी खबर सामने आई थी. असीम अरूण ने वीआरएस लेने का फैसला लिया था. बकौल असीम अरूण उन्होने सीएम योगी से मुलाकात के बाद असीम अरुण ने ये फैसला किया था. गौरतलब है कि, कानपुर में कमिश्नरी लागू होने के बाद असीम अरुण पहले आईपीएस थे जो शहर के पहले सीपी बने थे. कन्नौज उनका पैतृक गांव है. इसके अलावा सबसे पहले स्वॉट गठित करने का श्रेय भी असीम अरूण को जाता है. बताया जा रहा है कि उन्होंने शनिवार 08 जनवरी की दोपहर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. एडीसी ऑफिसर रैंक के असीम अरुण 1994 बैच के IPS अधिकारी थे. तीन अक्टूबर 1970 को इनका जन्म बदायूं में हुआ था. इनके पिता श्रीराम अरुण की गिनती भी प्रदेश के तेजतर्रार आइपीएस में होती थी. वह प्रदेश के DGP का पद भी संभाल चुके हैं.

असीम अरुण की मां शशि अरुण जानी-मानी लेखिका हैं. उनने लखनऊ के सेंट फ्रांसिस कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की और दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से बीएससी किया है. आईपीएस असीम अरुण ने सिविल सर्विसेज में हाथ आजमाया. इसका कारण था कि पिता इन्हें अपनी तरह आइपीएस अफसर ही बनते हुए देखना चाहते थे. आइपीएस अफसर बनने के बाद असीम अरुण धीरे-धीरे यूपी पुलिस की रीढ़ बनते गए

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