मथुरा. उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल ने न्याय में देरी पर गंभीर चिंता व्यक्त की है. न्यायमूर्ति बिंदल ने शनिवार को मथुरा में एक समारोह में हिस्सा लेते हुए एक घटना को याद किया जिसमें एक व्यक्ति ने सड़क दुर्घटना में अपने बेटे की मौत के 25 साल बाद मुआवजा लेने से इनकार कर दिया और अदालत से पैसे रखने को कहा.

न्यायमूर्ति बिंदल ने अदालत को बताते हुए उस व्यक्ति को याद किया कि न्यायाधीश साहब, कृपया इस पैसे को अपने पास रखें. 25 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मेरे बेटे की मौत हो गई, मुझे अपने पोते को पालने और उन्हें शिक्षित करने के लिए इसकी बहुत जरूरत थी. मुझे अब पैसे की जरूरत नहीं है क्योंकि सभी अब बड़े हो गए हैं.

उन्होंने कहा, ‘विलंबित राहत अक्सर अर्थहीन हो जाती है.’ उन्होंने लोक अदालतों से ज्यादा से ज्यादा संख्या में विवादों का निपटारा करने का आग्रह किया. जस्टिस बिंदल ने बैंकों और एलआईसी को भी सकारात्मक रुख अपनाने की सलाह दी ताकि ज्यादा से ज्यादा मामलों का निपटारा हो सके.