नक्सली कैंप, बीजापुर से।
सुकमा के बुर्कापाल नक्सल हमले का सच क्या है? आखिर क्यों माओवादियों ने रची थी हमले की साजिश ? कौन -कौन था इस हमले में शामिल? हमले में कितने नक्सली मारे गए थे? यह सवाल हमले के बाद से न सिर्फ आम लोगों में बल्कि अधिकारियों के जेहन में भी लगातार कौंधते रहे हैं.
नक्सलियों से संबंधित कुछ सवाल और हैं जो ऐसे हमलों के बाद फिर से उठते हैं. आखिर सुरक्षा बलों को क्यों निशाना बनाते माओवादी ?
ये वो तमाम सवालों का जवाब तलाशने लल्लूराम डॉट के निशानेबाज़ युकेश चंद्राकर जान हथेली में रखकर बीजापुर के घने जंगलों में एक नक्सली कैंप में पहुंचे. यहां उन्होंने बुरकापाल हमले पर नक्सलियों के डीवीसी लीडर जगदीश से एक्सक्लूसिव बातचीत की.
कमांडर जगदीश ने इस बातचीत में न सिर्फ बुरकापाल हमले पर नक्सलियों का पक्ष रखा बल्कि अपने बड़े नेता पापा राव के बारे में अहम जानकारी दी. पुलिस ने घटना के बाद कहा था कि बुरकापाल में सुरक्षाबलों ने 20 नक्सलियों को मार गिराया था। लेकिन कमांडर जगदीश ने इसे खारिज करते हुए कहा कि केवल 2 नक्सली मारे गए थे.
बुरकापाल हमले के लिए बनाए थे दो प्लान
जगदीश ने कहा कि बुरकापाल हमले के लिए नक्सलियों ने दो प्लान बनाए थे. ए और बी. एक के नाकाम होने पर नक्सलियों ने प्लान बी के तहत हमला किया. दरअसल, प्लान ए में एबुंश लगाकर करना था फोर्स पर हमला. फिर नक्सलियों ने सड़क निर्माण को सुरक्षा दे रहे सीआऱपीएफ के जवानों को निशाना बनाया.
पापाराव हमले में हुआ घायल
जगदीश ने ये भी खुलासा किया कि माओवादियों के खिलाफ सुरक्षा बलों के आपरेशन के दौरान शीर्ष नक्सली लीडर पापाराव भी घायल हुआ था. पापाराव के पेट को चीरते हुए गोली निकल गई थी. लेकिन जगदीश का कहना है कि पापाराव फिलहाल स्वस्थ है.
कल्लूरी के रहते कभी कमज़ोर नहीं हुए नक्सली- जगदीश
जगदीश ने इस दावे को भी खारिज किया कि कल्लूरी के रहते नक्सली कमज़ोर हुए थे. जगदीश ने ये भी कहा कि बस्तर में जब आईजी के तौर पर एसआरपी कल्लूरी तैनात थे, तब भी पीएलजीए सक्रिय था. कल्लूरी के रहते कभी नक्सलवाद कमजोर नही हुआ. सरकार की सरेंडर पालिसी पर भी जगदीश ने सवाल खड़ा किया और कहा कि बस्तर में आम आदिवासी को नक्सली बताकर फर्जी सरेंडर करवाया जा रहा है
ये है युकेश चंद्राकर का नक्सल कमांडर जगदीश के इंटरव्यूह का वीडियो
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