सत्यपाल राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बैनर तले घेराव अदिवासियों ने मोर्चा खोल दिया है. आदिवासी बड़ी संख्या में बूढ़ा तालाब धरना स्थल से विधानसभा घेराव करने के निकले. सप्रे स्कूल के पास बैरिकेडिंग लगाकर दल बल के साथ पुलिस ने रैली को रोका. वन अधिकार क़ानून लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी अड़े हैं.

सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सोहन पोटाई ने कहा कि सरकार से बात करके हम परेशान हैं. कोई सुनवाई नहीं हो रही है. कई बार ज्ञापन सौंप चुके हैं. बैठक भी हुई है, लेकिन हमारी मांगों पर अब तक कोई सकारात्मक फ़ैसला नहीं लिया गया है. इसलिए मजबूर होकर आज विधानसभा घेराव करने निकले हमारी 23 सूत्रीय मांग है.

छत्तीसगढ़ प्रदेश में लगभग 60 प्रतिशत क्षेत्रफल पांचवी अनुसूची क्षेत्र में आता है. जहां पेसा क़ानून नियम लागू किया जाए. सिलगेर में निर्दोष ग्रामीणों पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई, जिससे मौत हुई है.

मृतकों को 50 लाख और घायलों को 5 लाख रुपये के साथ परिवार के एक सदस्य को योग्यतानुसार शासकीय नौकरी दी जाए. छत्तीसगढ़ में विभिन्न शासकीय पदों के पदोन्नति में आरक्षण लागू किया जाए.

पांचवी अनुसूची क्षेत्र में ग़ैर संवैधानिक रूप से बनाए गए नगर पंचायतों नगर पालिका निगम को वापस ग्राम सभा बनाया जाए. समस्त वन ग्रामों को राजस्व ग्राम बनाया जाए. वहां निवासरत किसानों को राजस्व ग्राम की तरह अधिकार और सुविधाएं दी जाए.

जनजातियों को जाति प्रमाण पत्र भी जारी किया जाए. शासकीय नौकरी में बैकलॉक, नई भर्तियों पर आरक्षण रोस्टर लागू किया जाए.

प्रदेश में खनिज उत्खनन के लिए ज़मीन अधिग्रहण की जगह लीज़ में लेकर ज़मीन मालिकों को शेयर होल्डर बनाया जाए. खनिज का पूरा अधिकार ग्राम सभा को दिया जाए.

पांचवीं अनुसूची क्षेत्र कांकेर जिला के 14 ग्राम पंचायत में सरपंच पद को अनारक्षित किया गया है. उसे फिर से आदिवासी के लिए आरक्षित किया जाए.

आदिवासी सलाहकार परिषद का गठन किया जाए. परिषद का अध्यक्ष आदिवासी सलाहकार परिषद के सदस्यों में से होनी चाहिए.

वहीं नंदकुमार साय ने कहा कि हमारी मांग को लेकर मंत्रालय के सचिव लेवल के अधिकारियों ने ज्ञापन ले लिया है. उन्होंने कहा कि हमारी मांगों पर कार्रवाई की जाएगी. फ़िलहाल आज हमने आश्वासन पर अपना विधानसभा घेराव को स्थगित किया है. अगर निर्धारित दिन के समय 15 दिन में सुनवाई नहीं होती है तो फिर फिर से सड़क की लड़ाई लड़ेंगे. इस बार सीधा मंत्रालय का घेराव करेंगे.

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