रायपुर. बजट पर सामान्य चर्चा के दौरान विधानसभा में बोलते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज हम 2018 में  हैं लेकिन 2028 तक की कार्ययोजना हमने बनाई है. हम उम्मीद करते हैं कि इन योजनाओं का क्रियान्वयन हम बेहतर ढंग से करेंगे. हमें भरोसा है कि जनता हमें फिर से चुनेगी.

मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि मौसम बदलने से फसल नुकसान हुआ है. लेकिन सरकार किसानों के साथ खड़ी है. सूखे के बाद ओलावृष्टि के संकट से जूझ रहे किसानों को सरकार पूरी मदद देगी. हमने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि एक हफ्ते के भीतर क्षति का आंकलन कर नुकसान का मुआवजा वितरण शुरू करें. गौरतलब है कि इस मसले पर आज कैबिनेट में भी चर्चा हुई. कैबिनेट मे तीन जिलों कवर्धा, राजनांदगांव और बेमेतरा की ओलावृष्टि से हुए नुकसान की रिपोर्ट रखी थी. रिपोर्ट में बताया गया है कि ओलावृष्टि से 21 हज़ार हैक्टेयर में फसल को नुकसान हुआ है.

सीएम ने कहा  कि पक्ष-विपक्ष दोनों ओर के सदस्यों की यह चिंता है. किसानों के सुख दुख में सरकार उनके साथ हैं. सीएम ने दावा किया कि चौथी बार भी उन्हीं की पार्टी की सरकार सत्ता में लौटेगी. उन्होंने कहा कि बहुमत के साथ हम आएंगे. इस बात को उन्होंने कविता के साथ भी कही.

ना डरा ए मौसम मुझे, नाकाम होगी तेरी हर कोशिश,

जिंदगी के मैदान में खड़ा हूं, दुवाओं का काफिला लेकर. 

बजट का कुल आकार 87 हजार 463 करोड़ रुपये का है. . जिसमें से कुल प्राप्तियां 83 हजार 96 करोड़ रुपये है. जबकि राजस्व घाटा 9 हजार 997 करोड़ है. रमन सिंह ने कहा कि एफआरबीएम एक्ट के तहत निर्धारित सीमा के भीतर राज्य का कर्ज है. उन्होंने कहा कि राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन में संसाधनों का सदुपयोग किया गया है.

रमन सिंह ने सरकार की उपलब्धियां बताते हुए कहा कि 52 सालों की तुलना में बीते 14 सालों में सरकार ने महत्वपूर्ण उपलब्धि अर्जित की है.राज्य ने 6. 24 फीसदी की वृद्धि हासिल की है. प्रति व्यक्ति आय 15515 से बढ़कर 92 हजार 635 हुई है.  2003-2004 में राज्य का शुद्ध व्यय 9269 करोड़ से बढ़कर 83 हजार 189 करोड़ हुआ है.  2003-2004 में राजस्व घाटा था लेकिन 14 सालों में राजस्व अधिक रहा. पूंजीगत व्यय में 9 गुना वृद्धि हुई है.

2003-04 में जीएसडीपी का विकासमूलक बजट 17.4 फीसदी था. जबकि 2016-17 में 22. 7 फीसदी हो गया. राज्य कई सालों तक विकासमूलक काम मे प्रथम स्थान पर रहा. उन्होंने कहा कि 2003-04 में सामाजिक क्षेत्र में 11.9 फीसदी खर्च किया जाता था. जबकि 2015-16 में 15.9 फीसदी रहा.इसमें हम देश में हम पहले स्थान पर रहे.

कृषिक्षेत्र की उपलब्धियां बताते हुए रमन सिंह ने कहा कि  कृषि क्षेत्र में 2003-04 में 8 हजार 9 करोड़ था. 2016-17 में जीएसडीपी में योगदान 48 हजार करोड़ यानी छह गुना ज्यादा हुआ है.  1325 बैंकों की शाखाएं थी. अब राज्य में 2735 बैंक खुल गए. रमन सिंह ने कहा कि बैंक विकास की समृद्धि बताता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 83 नए बैंक खुले हैं

उन्होंने कहा कि  2003 में 834 करोड़ रूपये कृषि का बजट होता था. आज यह बजट 13 हजार 480 करोड़ रुपये हो गया है. 17 गुना बढ़ोतरी हुई है. पीडीएस के जरिये छत्तीसगढ़ की 42 फीसदी जनता को एक रुपये किलो में चावल दे रहे हैं.  56 लाख परिवारों को स्वास्थ्य सुरक्षा दे रहे है. उन्होंने कहा कि  11 लाख परिवारों को आवास देने का काम जारी है.  उज्ज्वला योजना के तहत 18 लाख महिलाओं को गैस कनेक्शन दिया गया है.  16 लाख एकलबत्ती  कनेक्शन दिया जा चुका है.

रमन सिंह ने कहा कि 14 सालों में बजट 12 गुना बढ़ा है. मैं आज उस दिन को भी याद कर रहा हूं, जब केंद्र में मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. हमने कोशिश की कि खनिज का पैसा छत्तीसगढ़ को भी मिले.  मैं हर बार प्लानिंग कमीशन के पास जाता था लेकिन ये मुमकिन तब हुआ जब केंद्र में मोदी की सरकार आई. राज्यों को मिलने वाले केंद्रीय मदद की राशि 32 फीसदी से बढ़कर 42 फीसदी कर दी गई. ये दस फीसदी की राशि बढ़ी तो हमने विकास की रणनीति उसके आधार पर तय की. उन्होंने कहा कि  35 सौ करोड़ एडीबी से कर्ज लेने की हमने तैयारी शुरू कर दी है.

डेढ़ सौ साल पहले जब रेल आया था तब से लेकर आज तक 1186 किलोमीटर रेल लाइन ही था. आज 565 किलोमीटर रेल लाइन के विस्तार पर काम चल रहा है. 11 हजार करोड़ रूपये की इस परियोजना में राज्य सरकार केवल 220 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. सीएम ने कहा कि आप और मैं एक साथ उस रेल में बैठेंगे. दल्लीराजहरा से गुदुम जाएंगे और वहां से भानुप्रतापपुर जाएंगे. पैसेंजर ट्रेन शुरू हो गई है. गुदुम तक लोग जा रहे है. पहले हमने स्टेशन बनाया, टिकटघर बनाई और उसके बाद रेल शुरू की.

रमन सिंह ने कहा कि रेल नेटवर्क के दूसरे फेज के लिए हमने छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपेशन लिमिटेड का गठन किया है. इसके लिए राज्य सरकार 51 फीसदी और केंद्र सरकार 49 फीसदी की हिस्सेदारी होगी. छत्तीसगढ़ इसमे केवल 400 करोड़ रुपये लगाएगा. दोनों ही परियोजनाओं को मिला दें तो 620 करोड़ रूपये लगाएंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ का यह प्रयोग एक मॉडल की तरह है.

डॉ. रमन सिंह ने कहा कि डीएमएफ के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश मे पहले स्थान पर है. आज रेल, सड़क और विमानन सेवा में यदि विस्तार हो रहा है तो इस पैसे का इस्तेमाल हम इक्विटी के जरिये कर रहे हैं. सीएसआर फण्ड के जरिये 1500 करोड़ रुपये का बेहतर उपयोग किया. मेडिकल कॉलेज, ट्रिपलआईटी, दंतेवाड़ा में एजुकेशन सिटी के लिए सीएसआर फण्ड का उपयोग किया है. छत्तीसगढ़ भवन सन्निकर कर्मकार मडंल के जरिये आठ सौ करोड़ का काम कर रहे हैं. रमन सिंह ने कहा कि किसानों के लिए हमने सिर्फ नारे नहीं लगाए है. योजनाबद्ध तरीके से काम किया है.