लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा की फिर से सत्ता में वापसी हुई है. भाजपा विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अब विधान परिषद चुनाव पर फोकस कर रही है. विधानसभा चुनाव हारने वाले प्रत्याशियों को भाजपा ने विधान परिषद में स्थानीय निकाय कोटे से एमएलसी (MLC) का टिकट देने से इनकार कर दिया है.

बता दें कि इसके पीछे पार्टी का तर्क यह है भाजपा निष्ठावान कार्यकर्ताओं को मौका देना चाहती है. इससे विधानसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी अपने चुनावी भविष्य को लेकर चिंतित और निराश है. विधानसभा में हारे हुए प्रत्याशियों ने की है टिकट की दावेदारी बता दें कि विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब स्थानीय निकाय कोटे में एमएलसी चुने जाने को लेकर भाजपा पदाधिकारियों ने अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है. इससे लेकर ब्लाक, जिला और चुनव क्षेत्र पर प्रभारी मनोनीत कर दिए गए हैं.

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बता दें कि उन्होंने पार्टी के पक्ष में चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है. प्रत्याशियों के नाम की घोषणा अभी तक नहीं हुई है. जिन लोगों ने टिकट की दावेदारी की है, उनमें वो नेता भी शामिल हैं, जो विधानसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं हो सके हैं. ऐसे नेताओं की दावेदारी को पार्टी ने सिरे से खारिज कर दिया है. बता दें कि गोरखपुर-बस्ती मंडल की 41 विधानसभा सीटों में से 7 सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें से पांच ने विधानसभा परिषद चुनाव में प्रत्याशी के तौर पर अपने दावेदारी पेश की थी.