नई दिल्ली। दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के जरिए राष्ट्रीय राजधानी को वर्ल्ड क्लास टीचर एजुकेशन का केंद्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है. इस क्रम में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया सहित प्रतिष्ठित वैश्विक विश्वविद्यालयों के मॉडल को स्टडी किया जा रहा है. इस विजन को लेकर मंगलवार को दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की पहली बैठक का आयोजन हुआ. दिल्ली सरकार का इस यूनिवर्सिटी को शुरू करने का उद्देश्य टीचर एजुकेशन के क्षेत्र में एक ऐसा विश्वस्तरीय संस्थान बनाना है, जो आईआईटी-आईआईएम जैसे प्रीमियम संस्थानों से भी शानदार हो. बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट को संदेश देते हुए दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी पूरे विश्व में टीचर-एजुकेशन के क्षेत्र में एक ब्रांड के रूप में उभरेगी.

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एजुकेशन में फिनलैंड, सिंगापुर, जापान, अमेरिका और यूरोपीय देशों का दबदबा

डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज एजुकेशन सेक्टर में फिनलैंड, सिंगापुर, जापान, अमेरिका व यूरोपीय देशों का दबदबा है. दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी इसका जवाब बनेगी और भारत को शिक्षा के क्षेत्र में वर्ल्ड के टॉप देशों में शामिल करेगी. उन्होंने कहा कि टीचिंग प्रोफेशन आज सभी के लिए करियर का अंतिम विकल्प बन चुका है, लेकिन दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी इसे बदलेगी और युवाओं को टीचिंग प्रोफेशन के प्रति आकर्षित करेगी और हर सत्र में ऐसे सैकड़ों शानदार टीचर्स तैयार करेगी, जो क्वालिटी एजुकेशन देकर देश के भविष्य बच्चों को आने वाले कल के लिए तैयार करेंगे.

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टीचर्स क्लास रूम टीचिंग के लिए बेहतर ढंग से होंगे तैयार

दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में ट्रेनीज को वर्ल्ड क्लास ट्रेनिंग देने के साथ-साथ नए विचारों व अभ्यासों के आदान-प्रदान के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ कोलैबोरेशन किया जाएगा. साथ ही उन्हें एक्सचेंज प्रोग्राम एवं विजिट के माध्यम से इंटरनेशनल एजुकेशन सिस्टम से भी अवगत करवाया जाएगा. दिल्ली टीचर यूनिवर्सिटी के विजन को साझा करते हुए बोर्ड बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि वर्तमान में देश में ऑफर किए जाने वाले ज्यादातर टीचर ट्रेनिंग कोर्सेज के उलट दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में शुरू किए गए कोर्सेज केवल विषय-ज्ञान पर ध्यान केंद्रित नहीं किया जाएगा, बल्कि यहां ट्रेनीज की कैपेसिटी बिल्डिंग कर उन्हें प्रैक्टिकल स्किल्स से लैस किया जाएगा, ताकि वो क्लास रूम टीचिंग के लिए बेहतर ढंग से तैयार हो सकें.

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शिक्षा के क्षेत्र में फंडामेंटल और एप्लाइड रिसर्च पर किया जाएगा फोकस

मीटिंग में इस बात को लेकर भी चर्चा की गई कि टीचर यूनिवर्सिटी में न केवल शिक्षण-प्रशिक्षण पर जोर दिया जाएगा, बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में फंडामेंटल व एप्लाइड रिसर्च पर फोकस किया जाएगा. यूनिवर्सिटी में ट्रेनीज को एक्सपर्ट फैकल्टी द्वारा शानदार पेडागोजिकल प्रैक्टिसेज से अवगत करवाया जाएगा.

दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में विभिन्न नियामक बॉडीज से मंजूरी मिलने के बाद स्टूडेंट्स को 7 कोर्सेज ऑफर किए जाएंगे. इन कोर्सेज में शामिल है-

1. 4 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम

2. 2 वर्षीय बीएड प्रोग्राम

3. 2 वर्षीय स्पेशल बीएड प्रोग्राम

4. 3 वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड-एमएड प्रोग्राम

5. 2 वर्षीय एमए एजुकेशन प्रोग्राम

6. एक वर्षीय सर्टिफिकेट प्रोग्राम (स्कूल एजुकेशन)

7. एक वर्षीय सर्टिफिकेट प्रोग्राम (हायर एजुकेशन)

दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी के उपकुलपति धनंजय जोशी ने कहा कि दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी शिक्षा को लेकर केजरीवाल सरकार के विजन को पूरा करने का काम करेगी और दिल्ली ही नहीं पूरे देश व दुनिया में टीचर एजुकेशन के सर्वश्रेष्ठ संस्थान के रूप में उभरेगी. प्रथम एजुकेशन फाउंडेशन की सीईओ डॉ रुक्मिणी बनर्जी ने कहा कि हम स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, कोलंबिया यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेनसिल्वेनिया आदि सहित प्रतिष्ठित वैश्विक विश्वविद्यालयों के मॉडल स्टडी कर रहे हैं और यहां की बेस्ट प्रैक्टिसेज को दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में शामिल करेंगे. दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी में हम टीचिंग-प्रैक्टिसेज के साथ-साथ रिसर्च व एकेडमिया दोनों पर जोर देंगे.