वारणसी. काशी धर्म परिषद ने मांग की है कि वाराणसी के साधुओं और संतों का एक आयोग गठित किया जाना चाहिए और इसके सदस्यों को कश्मीर भेजा जाना चाहिए ताकि 1990 के दशक में आतंकवादियों द्वारा घाटी में मंदिरों की सही संख्या का पता लगाया जा सके. इनमें पातालपुरी पीठाधीश्वर महंत बालक दास, परिषद अध्यक्ष महंत रामलोचन दास, महंत सर्वेश्वर शरण दास, महंत श्रवण दास, महंत ईश्वर दास, महंत अवध किशोर दास, व्यास राघव ऋषि, अनिल शास्त्री, आचार्य श्रीराम शास्त्री, कमलेश शास्त्री शामिल हैं. विशाल भारत संस्थान के स्वयंसेवकों ने बुधवार को विवेक अग्निहोत्री निर्देशित बॉलीवुड फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ देखी. जिसके बाद यह मांग उठी.

घाटी में मंदिरों के पुनर्निर्माण की मांग करते हुए, महंत बालक दास ने कहा कि कश्मीर में नष्ट किए गए मंदिरों की सही संख्या ज्ञात होने के बाद, उनका पुनर्निर्माण तत्काल प्रभाव से किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि जो लोग कश्मीरी पंडितों को घाटी से भगाने में शामिल थे, उनकी संपत्ति को जब्त कर लिया जाना चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए. इस बीच, रामपंथ प्रमुख डॉ राजीव श्री गुरुजी ने कहा कि रामपंथ के संत और सदस्य मिलकर गांवों में लोगों को कश्मीरी हिंदुओं के पलायन के इतिहास से अवगत कराएंगे.

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उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को दृढ़ रहने की नीति अपनानी होगी, न कि भागने की. उन्होंने आगे कहा कि काशी का संत समाज जल्द ही राष्ट्रपति से मिलेगा और उन्हें अपनी चिंता से अवगत कराएंगे. काशी धर्म परिषद ने भी ‘द कश्मीर फाइल्स’ के निर्देशक और उनकी टीम को काशी में सम्मानित करने का फैसला किया है.