आशुतोष तिवारी, जगदलपुर. बस्तर में तैनात जवानों के ऊपर लगातार यह आरोप लगते रहते हैं कि फर्जी मुठभेड़ में ग्रामीणों को मार गिराया तो कभी ग्रामीणों के साथ मारपीट कर उनके समान लूट लिया. जवान ना सिर्फ नक्सलियों से लोहा ले रहे हैं, बल्कि अब उनके सामने ग्रामीणों के दिलों में भी जगह बनाने की बड़ी चुनौती उनके सामने है.
बता दें कि, हमेशा से ही बस्तर के ग्रामीणों और सुरक्षाबल के जवानों में दूरियां रही हैं. इन दूरियों को कम करने और आपसी सामंजस्य को बढ़ाने के लिए लगातार सीआरपीएफ की टीम अलग-अलग गांव में शिविर लगा कर ग्रामीणों को फायदा पहुंचाने की कोशिश कर रही है. आज सीआरपीएफ के 241 बस्तरिया बटालियन ने कोयपाल गांव में सिविक एक्शन कार्यक्रम रखा.
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इस कार्यक्रम के तहत बटालियन ने मुफ्त में ग्रामीणों का हेल्थ कैम्प लगाकर इलाज किया. साथ ही ग्रामीणों को जरूरतमंद सामग्रियों का वितरण किया और किसी प्रकार की समस्या होने पर उनके सामने अपनी समस्या को रखने की बात भी कही.
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कमान्डेंट ऑफिसर ए पदमा कुमार ने बताया कि, इस कार्यक्रम का उद्देश्य ही ग्रामीणों को पुलिस से जोड़ना है, ताकि वें बातें जो पुलिस और प्रशासन के पास नहीं पहुंची पाती थी वें पहुंच पाए. साथ ही आने वाले दिनों में भी ऐसे कार्यक्रम गांवों में कराए जाएंगे, ताकि ग्रामीण पुलिस से जुड़ सकें.इतना ही नहीं सीआरपीएफ जल्द ही भारत भ्रमण का आयोजन भी करेगी, जिससे ग्रामीण बस्तर से बाहर निकलकर पूरे भारत का भ्रमण कर सकेंगे. सेना भर्ती नोडल अधिकारी ने बताया कि ऐसे कार्यक्रमों में जरूरतमंद सामग्रियों के वितरण के साथ ही शिक्षा भी दी जाती है, जिससे ग्रामीण देश की मुख्यधारा से जुड़ सकते हैं.
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