नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय (DOE) ने नए शैक्षणिक सत्र में स्टूडेंट्स में आए लर्निंग-गैप, पढ़ने-लिखने और बुनियादी गणित को लेकर उनमें आधारभूत कौशल को बेहतर करने के लिए पूरी तरह से तैयार है. दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नया शैक्षणिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है. ऐसे में यह पहली बार होगा, जब स्टूडेंट्स लॉकडाउन की एक श्रृंखला के दो साल बाद नए सत्र में भौतिक तौर पर कक्षाओं में शामिल होंगे. इस बाबत दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सोमवार को सरकारी स्कूलों के सभी स्कूल प्रमुखों और डीओई के साथ समीक्षा बैठक की और उन्हें शैक्षणिक सत्र 2022-23 की पहली तिमाही में विशेष रूप से विद्यार्थियों के भावनात्मक वेल-बीइंग और आधारभूत कौशल पर ध्यान देने का निर्देश दिया. विद्यार्थियों में आए लर्निंग गैप को दूर करने के लिए शिक्षा निदेशालय द्वारा दो फेज का एक्शन प्लान तैयार किया गया है.

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दिल्ली सरकार के स्कूलों में नए सत्र में रोजाना लगेगी दो घंटे की हैप्पीनेस और मिशन बुनियाद की कक्षाएं

शिक्षा निदेशक ने कहा कि प्रत्येक बच्चे में न केवल आधारभूत कौशल को फिर से वापस लाया जाएगा, बल्कि विषयों को लेने से पहले वैचारिक स्पष्टता लाने का अवसर देने के लिए कक्षावार पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा. नए सत्र में विद्यार्थियों के सीखने से संबंधित मुद्दों को चिन्हित करने और स्कूलों में दो फेज के एक्शन प्लान को लागू करने के लिए शिक्षकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा. योजना के क्रियान्वयन की जांच करने के लिए शिक्षा निदेशक द्वारा इसकी साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी. बैठक में शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेन्द्र शर्मा, अतिरिक्त शिक्षा निदेशक (स्कूल), रीता शर्मा ने शिक्षकों व स्कूल प्रमुखों के साथ विस्तृत एक्शन प्लान पर चर्चा की.

छात्रों के लर्निंग गैप को दूर करने के लिए स्कूल-पेरेंट्स साथ मिलकर करेंगे काम

शिक्षा निदेशक के प्रधान सलाहकार शैलेंद्र शर्मा ने सिलेबस का भार डालने के बजाय विद्यार्थियों को उस स्तर पर पढ़ाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जहां वे हैं. उन्होंने स्कूलों को मिशन बुनियाद के तहत पढ़ने, लिखने और बुनियादी संख्यात्मक कौशल पर फोकस करने की बात कही, ताकि विद्यार्थियों में लर्निंग के लिए एक मजबूत नींव रखी जा सके.

  • कोरोना के बाद नए सत्र में विद्यार्थियों के कौशल को बेहतर बनाने के लिए यह है दो फेज का एक्शन प्लान

फेज- एक ( 10 अप्रैल तक)
-> स्कूल स्तर पर मिशन बुनियाद से जुड़े शिक्षकों की री-फ्रेशर ट्रेनिंग।
-> कक्षा तीसरी से 9वीं तक के सभी विद्यार्थियों का बेसलाइन असेसमेंट।
-> अभिभावकों को मिशन बुनियाद के बारे में अवगत कराने और बच्चों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अप्रैल के पहले सप्ताह में मेगा पीटीएम का आयोजन।
-> मिशन बुनियाद की सामग्री का वितरण।

-> स्कूल का पूरा समय निम्नलिखित गतिविधियों के लिए आवंटित किया जाएगा-:

– पढ़ने, लिखने और अंक गणित के लिए मिशन बुनियाद कक्षा।
– हैप्पीनेस क्लास, खुशी वर्ग
– पिछली वर्कशीट का रिवीजन
– लाइब्रेरी व रीडिंग पीरियड

फेज- दो (11 अप्रैल से 15 जून तक)

-> मिशन बुनियाद और हैप्पीनेस क्लासेस

– सुबह और जनरल शिफ्ट के स्कूलों में- सुबह 7 बजे से 9 बजे तक।
– इवनिंग शिफ्ट के स्कूलों में शाम 4 बजे से शाम 6 बजे तक।
– इन दो घंटे की क्लास को तीन हिस्से होंगे- हैप्पीनेस क्लास के लिए 30 मिनट, हिंदी पढ़ने-लिखने के लिए 45 मिनट और बेसिक मैथ के लिए 45 मिनट।
-> प्रोग्रेस ट्रैक करने के लिए हर शनिवार को मूल्यांकन।
-> वर्कशीट के माध्यम से छात्रों को पिछली कक्षाओं के अकेडमिक कॉन्सेप्ट्स से जोड़ने के लिए कैच-अप सेशन

उल्लेखनीय है कि इस साल शिक्षा निदेशालय  ने कक्षा 9वीं के विद्यार्थियों को विशेष रूप से हैप्पीनेस क्लास और मिशन बुनियाद कक्षाओं में शामिल करने का निर्णय लिया है, क्योंकि पिछले दो सालों में उनकी पिछली सभी क्लासेज ऑनलाइन आयोजित की गई थीं और उन्हें पिछले दो सालों में हुए सीखने के नुकसान से उबरने के लिए सपोर्ट की जरूरत हो सकती है.