दिल्ली. दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा को करप्शन के आरोपों के चलते इस्तीफा दे देना पड़ा. उनकी जगह साइरिल रामफोसा को देश का नया राष्ट्रपति चुना गया. करीब दस साल से साउथ अफ्रीका को चला रहे जैकब जुमा को ऐसे पद छोड़ना पड़ेगा इसकी उम्मीद उनको भी नहीं रही होगी.

साउथ अफ्रीका की राजनीति में इन दिनों तूफान आया हुआ है. किसी ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि हिंदुस्तान का एक परिवार इस अफ्रीकी देश की राजनीति में भूचाल ला सकता है. दरअसल सहारनपुर के रहने वाले गुप्ता बंधु अतुल औऱ राजेश गुप्ता ने 1993 में श्वेत शासन की समाप्ति के बाद अफ्रीका का रुख किया. पहले इस परिवार ने अफ्रीका के सुदूर गांव में डेयरी बिजनेस शुरु किया फिर देखते ही देखते ये परिवार कंप्यूटिंग, खनन औऱ ऊर्जा जैसे तमाम क्षेत्रों में कारोबार करता गया. गुप्ता बंधुओं ने सत्ता से नजदीकी बनाकर रखी औऱ भरपूर मलाई काटी.

हालात ये है कि अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा का बेटा औऱ बेटी तक गुप्ता बंधु की कंपनी में काम करते हैं. राष्ट्रपति जैकब जुमा से इस परिवार ने नजदीकी स्थापित कर तगड़ा मुनाफा औऱ सरकारी ठेके हासिल किए. गुप्ता परिवार के लिए सरकार ने नियम और कानून ताक पर रख दिए. विपक्ष औऱ मीडिया ने जब इस गोरखधंधे का खुलासा किया तो अपनी साख बचाने के लिए सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी. पुलिस ने गुप्ता परिवार के घर पर छापा मारा औऱ उनके परिवार के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया. साउथ अफ्रीका की सत्तारुढ़ पार्टी ने अपने ही राष्ट्रपति के रवैय्ये के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिसके बाद आखिरकार दस साल से अफ्रीका पर राज कर रहे जैकब जुमा को राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा देना पड़ा. अब माना जा रहा है कि गुप्ता परिवार पर भी नए राष्ट्रपति शिकंजा कसेंगे. अफ्रीका के लोगों के साथ-साथ हिंदुस्तान में भी शायद ही किसी ने सोचा होगा कि सहारनपुर का बेहद मामूली कारोबारी परिवार एक देश की सत्ता तक पलट देगा.