नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने दिल्ली के तीनों नगर निगमों के विलय के लिए एकीकरण विधेयक को मंजूरी दे दी. एमसीडी की इन तीनों मेयरों के विलय के फैसले को मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई. सरकारी सूत्रों के अनुसार, “दिल्ली नगर निगम (संशोधन) अधिनियम, 2022” के लिए विधेयक आने वाले सप्ताह के दौरान संसद में पेश होने की संभावना है और मौजूदा तीन निकायों को मिलाकर एमसीडी को एकजुट कर देगा.
2011 में तीनों निकायों को किया गया था विभाजित
2011 में दिल्ली नगर निगम संशोधन अधिनियम, 1911 के माध्यम से पूर्ववर्ती एमसीडी को तीन नगर निकायों-दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी), उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में विभाजित किया गया था. हालांकि, निगम का यह विभाजन प्रादेशिक विभाजनों और प्रत्येक निगम की राजस्व सृजन क्षमता के संदर्भ में असमान था. नतीजतन, तीन निगमों के लिए उपलब्ध संसाधनों में उनके दायित्वों की तुलना में बहुत बड़ा अंतर था. यह अंतर समय के साथ बड़ा होता गया. 3 नगर निकायों की वित्तीय कठिनाइयों में वृद्धि हुई, जिससे वे अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन और सेवानिवृत्ति लाभों का भुगतान करने में असमर्थ हो गए और इस तरह दिल्ली में नागरिक सेवाओं को बनाए रखने में गंभीर बाधाएं पैदा हुईं.
एमसीडी चुनाव टालने पर आप ने लगाए केंद्र पर गंभीर आरोप
इससे पहले, सरकार ने इन तीनों निकायों का विलय करने का संकेत देते हुए नगर निकायों के चुनावों की घोषणा को टाल दिया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एमसीडी चुनावों के स्थगित होने को देश के लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हुए कहा कि यह पहली बार है, जब केंद्र ने राज्य चुनाव आयोग को चुनाव स्थगित करने के लिए लिखा था. उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि वे इतने वर्षों में क्या कर रहे थे, यदि वे इन नगर निकायों को एक में विलय करना चाहते थे. उन्होंने यह भी कहा था कि सरकार ने एमसीडी चुनावों के कार्यक्रम की घोषणा से कुछ घंटे पहले ही चुनाव आयोग को पत्र लिखा था.
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