बीजापुर. पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने क्षेत्रीय विधायक एवं बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विक्रम शाह मंडावी पर कौड़ियों के भाव आदिवासियों की जमीन की खरीद फरोख्त का आरोप लगाया है. मंगलवार को अटल सदन में पत्रवार्ता में पूर्व मंत्री ने दस्तावेजों के साथ इसका खुलासा करते हुए कहा कि, विधायक विक्रम मंडावी आदिवासियों के हितैषी नहीं बल्कि शोषक हैं.
आगे उन्होंने कहा कि, वे स्वयं आदिवासी होकर आदिवासियों की जमीनों को मिट्टी के मोल खरीद उनका शोषण कर रहे हैं. भैरमगढ़ की एक जमीन खसरा क्रमांक 600/3 खरीदी संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करते पूर्व मंत्री ने यह दावा किया है कि पहले इस भूमि को नपं अध्यक्ष सीताराम मांझी के नाम से खरीदा गया, कुछ दिनों बाद यह जमीन विधायक के नाम से नामांतरित हो गई. ना सिर्फ भैरमगढ़ बल्कि बीजापुर में जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े कई मामले हैं, जिनमें विधायक की संलिप्तता है.
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पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि, विधायक बहुमूल्य जमीन पहले अपने कार्यकर्ताओं के नाम से खरीदी करते हैं और बाद में अपने नाम से नामांतरण करवाते हैं. ये सिर्फ भैरमगढ़ का मामला नहीं है, बीजापुर में भी ऐसे मामले हैं. जहां जमीन की खरीद फरोख्त अपने कार्यकर्ता के नाम से विधायक द्वारा की गई है, जिसका नामांतरण विधायक के नाम पर कुछ दिनों बाद होने वाला है. पूर्व मंत्री के अनुसार चूंकि ये जमीन आदिवासी जमीन है, उसे विधायक भी सीधे खरीद सकते हैं, लेकिन विधायक को इसमें कही डर और लोभ न होता तो वो ऐसा करते, कहीं ना कहीं विधायक ऐसा कर मूल भू-स्वामी से सस्ते दाम से जमीन खरीद रहे हैं और बाद में उसे अपने नाम कर आदिवासियों का शोषण कर रहे हैं.
वहीं इस संबंध में जब हमने विधायक विक्रम शाह मंडावी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने फोन ही नहीं उठाया.
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