रायपुर. हम अपने जीवन का एक तिहाई समय नींद में बिताते हैं. रात की एक अच्छी नींद व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. इसके बावजूद, हम देखते हैं कि बहुत कम लोग खराब नींद के संकेतों के बारे में जानते हैं. नींद न आने जैसे सामान्य नींद के विकार आपके स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते है. रात की खराब नींद का परिणाम दिन में अत्यधिक नींद और थकान है, जो दिन-प्रतिदिन की गतिविधियों को प्रभावित करता है.

उपरोक्त रामकृष्ण केयर हाॅस्पीटल के पलमोनोलाजी डिपार्टमेंट के हेड डाॅ. सुशील जैन ने वल्र्ड स्लीप वीक (18 मार्च से 25 मार्च) के दौरान एक अवेयरनेस सेमीनार को संबोधित करते हुए कही. डाॅक्टर ने कहा कि स्लीप एपनिया एक गंभीर बीमारी है, जिसमें कई सेकंड के लिए नींद के दौरान सांस लेने में रुकावट होती है, जो रात में कई बार होती है. जिसके परिणामस्वरूप रक्त में ऑक्सीजन की कम आपूर्ति होती है. इसे अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए, तो इससे अनियंत्रित मधुमेह और रक्तचाप, अवसाद, नपुंसकता और मोटर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है. स्लीप एपनिया के कुछ प्रमुख संकेत हैं दिन में अधिक नींद आना, दिन के दौरान खराब ऊर्जा, सुस्ती आदि. स्लीप एपनिया के प्रमुख लक्षण रात के समय तेज खरटि, नींद में सांस लेने के लिए हाफना, रात में बार-बार पेशाब आना, मुंह सूखना आदि होते हैं.

स्लीप एपनिया का परिक्षण नींद के अध्ययन द्वारा किया जा सकता है, और एक विशेषज्ञ द्वारा इसका इलाज किया जा सकता है. जिन लोगों में मोटापा, उच्च रक्तचाप, दिल के दौरे, जोर से खरटि लेना, नींद न आना, सुबह सिरदर्द और दिन में अधिक थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, उन्हें स्लीप एपनिया परिक्षण करना चाहिए.

इसके साथ ही मधुमेह और उच्च रक्तचाप के उपचार में भी सहायता मिलती है, यदि नींद के अध्ययन में स्लीप एपनिया पाया जाता है, तो स्लीप परामर्श विशेषज्ञ उपयुक्त उपचार विकल्प की सलाह दे सकता है. स्लीप एपनिया के लिए सबसे प्रभावी और गोल्ड स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट कंटीन्यूअस पॉजिटिव एयरवे प्रेशर है, जहां वायुमार्ग के लिए मास्क का उपयोग करके सीधे नाक और मुंह के माध्यम से हवा का एक कोमल प्रवाह प्रदान किया जाता है. इससे मरीज अपनी नींद में अधिक आसानी से सांस ले पाता है.

डाॅ सुशील जैन ने चिकित्सकों से भी कहा है कि वे उच्च रक्तचाप के मरीजों एंव उनकी पत्नियों से उनके खर्राटों के बारे में अवश्य पूछे. यह सलाह अमेरिकन काॅलेज ऑफ कोर्डियोलाजी के द्वारा भी दी गई है. यह जांच पूर्ण रूप से सुरक्षित है. इसमें मरीज को किसी भी प्रकार का दर्द या असुविधा नहीं होती है. यदि आपको उपरोक्त लक्षणों में से किसी पर भी संदेह है, तो जल्द से जल्द एक विशेषज्ञ से मिलें.